लक्षद्वीप: कांग्रेस के इस्लामिक जज़ीरे से मोदी के पर्यटन पावरहाउस तक


भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर, अरब सागर में एक अतिसुन्दर द्वीपसमूह स्थित है। इस द्वीपसमूह को लक्षद्वीप (Lakshadweep) के नाम से जाना जाता है। यह द्वीपसमूह भारत का एक संघ राज्य क्षेत्र है, और इसमें 36 द्वीप शामिल हैं, जिनमें से केवल 10 बसे हुए हैं। लक्षद्वीप अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इन समुद्र तटों की बालुकाराशि इतनी सफेद और अत्यय होती है कि यह मालदीव के समुद्र तटों को टक्कर देती है। अगाथी, बंगारू, कल्पस, कवरत्ती और मालिपाडु लक्षद्वीप (Lakshadweep) के कुछ सबसे लोकप्रिय समुद्र तट हैं।

लक्षद्वीप (Lakshadweep) जलीय जीवन की एक बड़ी संख्या का घर है। यहां कई प्रकार के समुद्री जीव पाए जाते हैं, जिनमें भिन्न भिन्न प्रकार की मछलियां, सीशियां, मूंगे, डॉल्फ़िन और व्हेल हैं। समुद्र के नीचे की दुनिया का दर्शन करने के लिए यह द्वीपसमूह स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बनता जा रहा है।

लक्षद्वीप (Lakshadweep) का प्रारंभिक इतिहास अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि ये द्वीप केरल के राजा चेरामन पेरुमल का बसाया हुआ है। ऐसा माना जाता है कि कुछ अरब व्यापारियों के कहने पर राजा चेरामन पेरुमल ने इस्लाम में धर्मान्तरण करवा लिया था। द्वीप में इस्लाम का आगमन 7वीं शताब्दी के आसपास हुआ था। 11वीं शताब्दी में, लक्षद्वीप (Lakshadweep) पर चोल साम्राज्य का शासन हुआ। तत्पश्चात 16वीं शताब्दी में, पुर्तगालियों ने इस द्वीपसमूह पर नियंत्रण स्थापित किया, लेकिन 1799 में इसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने जीत लिया।

लक्षद्वीप (Lakshadweep) का इतिहास भारत के अन्य हिस्सों के इतिहास से सर्वथा अलग रहा है। स्वतंत्रता से लेकर नयी सहस्त्राब्दी तक इसे कभी भी भारतीय मुख्य भूमि के भाग के तरह नहीं माना गया। जब शेष भारत विकास कर रहा था, जब नए नए नगर बन रहे थे तब लक्षद्वीप (Lakshadweep) की अपनी अलग ही नियति थी । अर्थव्यवस्था कृषि और और मत्स्य पालन पर ही निर्भर थी। आज शनैः शनैः , पर्यटन लक्षद्वीप (Lakshadweep) की अर्थव्यवस्था का भाग बन रहा हैं।

स्वतंत्रता के बाद से अधिकतर देश की बागडोर कांग्रेस के हाथ में रही और कांग्रेस के पास लक्षद्वीप (Lakshadweep) के लिए कोई योजना नहीं थी। कांग्रेस को लक्षद्वीप (Lakshadweep) में मुस्लिम बहुमत के कारण बिना मांगे ही वोट मिल जाता था। इसलिए, कांग्रेस ने लक्षद्वीप (Lakshadweep) के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया।

परन्तु प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी(Modi) की नीयत स्पष्ट थी – लक्षद्वीप (Lakshadweep) का विकास। और इसका उदहारण हमें २०२० और २०२१ में दिखा जब भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को दिसंबर 2020 में लक्षद्वीप (Lakshadweep) का प्रशासक नियुक्त किया गया था। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के आधुनिकीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, जिसका उद्देश्य इसे एक पर्यटन स्थल में बदलना था। पटेल ने लक्षद्वीप (Lakshadweep) में उस यथास्थिति को चुनौती दी, जो मुख्य रूप से इस्लामिक रही है। स्थानीय लोगों के नकारात्मक प्रतिक्रिया के बावजूद, पटेल क्षेत्र में सुधार के अपने मिशन में अडिग रहे।

जिस लक्षद्वीप (Lakshadweep) में 1962 में मौलवियों के कहने पर शराबबंदी लगा दी गयी थी वहां से 2021 में, भारत सरकार ने लक्षद्वीप (Lakshadweep) में शराबबंदी को हटाने का निर्णय किया। इस फैसले का उद्देश्य इस द्वीपसमूह को पर्यटन के लिए एक अधिक आकर्षक गंतव्य बनाना था। शराबबंदी के हटाने से लक्षद्वीप (Lakshadweep) में पर्यटन में वृद्धि हुई है। हालांकि, इस फैसले से स्थानीय मुस्लिम समुदाय अभी तक दुखी है।

विपक्ष और मुख्यतः कांग्रेस ने मोदी(Modi) सरकार पर लक्षद्वीप (Lakshadweep) के इस्लामी चरित्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। वाम दलों और कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने शराबबंदी को हटाने का निर्णय इस द्वीपसमूह की मुस्लिम बहुल आबादी को दुखी करने के लिए है। लक्षद्वीप (Lakshadweep) में शराबबंदी को एक सामाजिक और धार्मिक मुद्दा माना जाता है। मुस्लिम समुदाय का मानना है कि शराब हराम है, और इसे अनुमति देने से इस द्वीपसमूह की संस्कृति और इस्लामिक मूल्यों का नुकसान होगा। परन्तु मोदी सरकार अडिग और अटल रही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Modi) ने 2 और 3 जनवरी, 2024 को लक्षद्वीप (Lakshadweep) का दौरा किया। यह उनकी पहली यात्रा थी, और इसने भारत के रणनीतिक हितों और लक्षद्वीप के स्थानीय विकास के बीच संतुलन बनाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्री मोदी (Modi) की लक्षद्वीप (Lakshadweep) यात्रा के चित्र दुनिया भर में छाये हुए में हैं। इन तस्वीरों में प्रधानमंत्री मोदी (Modi) को स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करते हुए, स्नॉर्कलिंग करते हुए और द्वीपों की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हुए देखा जा सकते हैं। इन तस्वीरों ने लक्षद्वीप (Lakshadweep) के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद की है और यह भी सिद्ध किया है कि प्रधानमंत्री मोदी स्थानीय लोगों के साथ जुड़ने और इस द्वीपसमूह के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रधानमंत्री मोदी (Modi) की यात्रा ने संकेत दिया कि भारत न केवल लक्षद्वीप (Lakshadweep) पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए दृढ़ है बल्कि इसे एक पर्यटन पॉवरहाउस बनाने के लिए भी दृढसंकल्प है. मोदी जी ने अपने भाषण में कहा कि यह द्वीपसमूह भारत का अभिन्न अंग है, और उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।

प्रधानमंत्री मोदी (Modi) ने लक्षद्वीप (Lakshadweep) में विकास के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। इनमें शामिल हैं – एक नई ऑप्टिकल फाइबर केबल का निर्माण, जो इस द्वीपसमूह को मुख्य भूमि के उच्च-गति इंटरनेट से जोड़ेगा, एक नए हवाई अड्डे का निर्माण, जो लक्षद्वीप (Lakshadweep) को पर्यटन और व्यापार के लिए अधिक सुलभ बना देगा, स्थानीय अर्थव्यवस्था को विविध बनाने के लिए नई कृषि और मत्स्य पालन की नवीन परियोजनाओं का विकास।

कांग्रेस और वामदलों का मानना है कि पर्यटन विकास से लक्षद्वीप (Lakshadweep) की संस्कृति और धार्मिक मूल्यों को नुकसान होगा। परन्तु प्रधान मंत्री मोदी(Modi) का मानना है कि इसे विकसित करने पर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, लक्षद्वीप (Lakshadweep) की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और भारत के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

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