पूछ रहा अस्तित्व तुम्हारा, कब तक ऐसे वार सहोगे?
कहते हैं कभी-कभी कुछ न करना भी एक कला होती है लेकिन राजनीति में कुछ न करना या चुपचाप बैठे रहना घातक सिद्ध होता है। यह बड़े-बड़े साम्राज्यों और उनके सत्ताधीशों के पतन का कारण बनता है। पर ज़रा ठहरिए!
लोकतांत्रिक राजनीति में कुछ और चीजें भी हैं जो इनसे भी ज्यादा आत्मघाती हैं। वो हैं- जनता के गौरव से खिलवाड़, राष्ट्र के अस्तित्व और अस्मिता से भद्दा मजाक। यही कांग्रेस के पतन का कारण बनी और यही चीजें भाजपा को भी पतन की ओर ले जा सकती हैं।
अगर आपको लगता है कि कांग्रेस “सबका साथ और सबका विकास” के मुद्दे पर विफल रहने के कारण हारी है तो आप गलत हैं। आपके इस भ्रमजाल को तोड़ते हुए आपको बताना आवश्यक है कि कांग्रेस इसलिए हारी क्योंकि उसने जनता के गुरुर और राष्ट्र की अस्मिता के साथ भद्दा मजाक किया। इटली के कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री के सम्मानित पद को मोम के पुतले में परिवर्तित कर दिया।
राष्ट्र को कायर, भीरू और अकर्मण्य कर दिया। ऐसे स्वार्थी सत्ताधीशों में जनता अपना और अपने राष्ट्र का प्रतिबिंब नहीं देख सकती थी, अतः उसने अपना बहुमूल्य मत देकर प्रधानमंत्री मोदी को चुना। राष्ट्र को सजाने के लिए, इसे गौरवशाली बनाने के लिए आपने जनता से 300 कमल पुष्प मांगे। हमने आपको 350 दिए।
2019 में हुआ आपका राजतिलक 2014 में हुए आपके राज्याभिषेक से ज्यादा वैभवशाली था। जनता के इस विश्वास और समर्पण ने अपने राजा को प्रचंडतम शक्ति प्रदान की ताकि इस राज्य के सामर्थ्य को पुनः प्रतिस्थापित किया जा सके। परंतु, आप तो इस सामर्थ्य का प्रयोग कर राष्ट्र को अभेद्य शक्ति और सुरक्षा कवच प्रदान करने के बजाए स्वयं की सुरक्षा के लिए सहायता की भीख मांगने लगे।
5 जनवरी 2021, दिन बुधवार
भारत के प्रधानमंत्री अपने तय कार्यक्रम के अनुसार पंजाब राज्य में स्थित फिरोजपुर शहर में कुछ विकास परियोजनाओं के शिलान्यास हेतु जाने वाले थे। खराब मौसम और तेज बारिश के कारण भटिंडा एयरपोर्ट से फिरोजपुर पहुंचना लगभग असंभव था। अतः उन्होंने बिना समय गंवाते हुए हवाई मार्ग के बदले सड़क मार्ग से जाने का निश्चय किया। भटिंडा एयरपोर्ट से फिरोजपुर की दूरी लगभग 30 किलोमीटर की है। पंजाब के DGP ने SPG को सुरक्षा और रूट क्लीयरेंस का आश्वासन दिया। परंतु जैसे ही प्रधानमंत्री का काफिला मोगा फिरोजपुर फ्लाईओवर के पास पहुंचा भारत किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के गुंडों ने मार्ग में अवरोध उत्पन्न कर दिया। पंजाब सरकार की पुलिस और प्रशासन व्यवस्था इन गुंडों के साथ चाय की चुस्की लेती रही और प्रधानमंत्री का काफिला भारत-पाकिस्तान के सीमा से महज कुछ ही दूर स्थित इस फ्लाईओवर पर फंसा रहा। इतना ही नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने फोन तक उठाने से मना कर दिया।
प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे के अधिकारियों से बड़ी विनम्रता से कहा कि अपने सीएम को मेरी जान बख्शने के लिए धन्यवाद कहना। इसके बाद आरंभ हुआ कांग्रेस की नारकीय और राष्ट्र विरोधी राजनीति का नग्न नृत्य। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने व्यंगात्मक लहजे में ट्वीट करते हुए कहा- ‘how’s the Josh!!!’. तो वही सिद्धू ने इसे प्रधानमंत्री का ड्रामा बता दिया। निंदा, आरोप-प्रत्यारोप और राजनैतिक बेशर्मी का दौर शुरू हो गया। ईश्वर की कृपा जो प्रधानमंत्री कुशल क्षेम लौट आएं।
परंतु, इस भीड़ के द्वारा मोगा-फिरोजपुर फ्लाईओवर पर जिसकी हत्या कर दी गई वह है भारत का स्वाभिमान, भारत का लोकतंत्र, जनता का गुरुर और राष्ट्र की अस्मिता। यह वही भीड़ है जिसने लाल किले पर भारत के अस्मिता को उल्टा टांग दिया था। यह वही भीड़ है जिसने शाहीन बाग को कब्जे में ले लिया था, सिंघु बॉर्डर पर भारत को काटकर उल्टा लटका दिया था। यह वही भीड़ है जो संसद की सर्वोच्चता और भारत के लोकतंत्र में नहीं बल्कि सड़क के अराजकता और गलियों के निरंकुशता में विश्वास रखती है। यह भीड़ मानती है कि अगर प्रधानमंत्री हमारे मन मुताबिक नहीं चुना गया कानून हमारे मन मुताबिक नहीं बनाया गया तो हम संसद और संविधान को ताक पर रखेंगे।
जनता जनार्दन द्वारा प्रदान किए गए असीम सामर्थ्य के बदौलत हमने बंगाली हिंदुओं का भाग्य आपके कंधे पर छोड़ा। देश के दबे कुचले और लघु किसानों ने आपके सामर्थ्य की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखा परंतु, आपकी सरकार मुट्ठी भर जमीनदारों और सामंतों के आगे झुक गई। हम आपकी 56 इंच चौड़ी सीने के आगे ढाल बनकर खड़े रहे परंतु, नागरिकता कानून पर कदम पीछे कर आपने हमें चेहरा छुपाने पर मजबूर कर दिया!
क्षमा करिएगा आपको लगता है कि जनता यह सब भूल जाएगी। पर, सब याद रखा जाएगा। मोगा फिरोजपुर के फ्लाईओवर पर अगर भाजपा नेता नरेंद्र मोदी का काफिला रोका जाता तो जनता सहन कर लेती। परंतु, इन लोगो ने भारत की सर्वोच्च विधाई ताकत प्रधानमंत्री का रथ रोका है। किसी को माफ नहीं किया जाएगा। सब याद रखा जाएगा। हम तब नहीं बोले जब आडवाणी का रथ रोका गया। हम तब भी चुप रहे जब लाल चौक पर आपको रोका गया। परंतु इस बार भारत के संप्रभुता और लोकतंत्र के प्रतीक भारत के प्रधानमंत्री को रोका गया है, यह हम सभी याद रखेंगे। इन सभी चीजों को याद रखते हुए कृपा करके दोषियों पर कार्रवाई करें अन्यथा आपके मतदाताओं का भरोसा टूट जाएगा!
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