बंगाल, झारखंड, पंजाब ने पेट्रोल कीमतें कम करने से किया मना!
कई दिनों से जहाँ एक तरफ देश में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा था और जनता में इसको लेकर नाराज़गी छाई हुई थी, वहीं दिवाली के मौके पर केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कर्मशः 5 रुपये और 10 रुपये की कमी करने का फैसला लिया। इसके बाद से, देश के 22 भाजपा शासित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने भी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए ईंधन पर लगने वाले वैट में कटौती की है। वैट यानि “मूल्य वर्धित कर” l यदि किसी वस्तु या सेवा आपूर्ति कर का वार्षिक टर्नओवर 5 लाख होता है तो उसपर वैट (Value Added Tax) भरना अनिवार्य होता है।
केवल इतना ही नहीं बल्कि, NDA शासित राज्यों में भी ईंधन की कीमतों में लगने वाले वैट को घटा दिया गया है, ताकि जनता को और भी सस्ता ईंधन मिल सके। ऐसे में, यह कदम ईंधन की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से जूझ रहे नागरिकों को राहत प्रदान करेगा। बताया जा रहा है कि इस नियम की शुरुआत दिवाली के दिन से हो चुकी है ।
इन राज्यों में वैट घटने से कम हुए पेट्रोल और डीज़ल के दाम
आर्थिक तौर पर देखा जाए तो केंद्र सरकार के इस कदम से देश के सभी वर्गों को थोड़ी राहत मिली है। वहीं देश की जनता ने सरकार के इस कदम को बहुत सराहा है और आगे ईंधन की कीमतों में और रियायत मिलने की उम्मीद जताई है। अब आइये जानते हैं कि कौन- कौन से राज्यों ने सरकार के फैसले के बाद पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में कटौती की है और कौन से ऐसे गैर-भाजपा शासित राज्य हैं जहाँ पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों से जनता को अबतक राहत नहीं मिली है।
पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद से भाजपा शासित राज्यों जैसे गोवा, असम, त्रिपुरा, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, गुजरात, इत्यादि में स्थानीय वैट शुल्क को कम कर दिया गया है। गौरतलब है कि, इन राज्यों में कहीं-कहीं पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में लगभग 10 से 20 रूपए तक की कटौती देखने को मिली है। हालाकिं, इस मुद्दे पर राज्यों द्वारा कीमतों में कटौती को लेकर की गई घोषणा केंद्र सरकार के फैसले के कुछ घंटों के बाद आई। बहरहाल इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां राजनीति करने से बाज़ नहीं आ रही हैं। देश की तमाम विपक्षी पार्टियों का कहना है कि ईंधन की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल से वैट हटाने को लेकर , विपक्षी पार्टियों और उपभोक्ताओं के दबाव में आकर केंद्र को यह फैसला लेना पड़ा है
गैर भाजपा शासित राज्यों में अभी भी महंगा बिक रहा है पेट्रोल और डीज़ल
अगर बात करें गैर भाजपा शासित राज्यों की तो पंजाब, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों ने अभी इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया है। भाजपा शासित राज्यों के मुकाबले इन राज्यों में पेट्रोल और डीज़ल महंगे दामों पर बिक रहा है। इसी बीच यह खबर आ रही है कि केरल में पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार ने केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में कटौती के सार्थक पहल को अपने राज्य में लागू करने से इंकार कर दिया है। ऐसे में, केंद्र और कई राज्यों ने मिलकर जो पेशकश की है,उसके विपरीत कम्युनिस्ट शासित केरल की जनता को पेट्रोल और डीज़ल के कीमतों से उतनी राहत नहीं मिलेगी।
विपक्षी पार्टियों ने किया केंद्र के फैसले को मानने से इंकार
गौरतलब है कि भाजपा शासित राज्य और उसके सहयोगी राज्यों ने पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में कटौती की है, लेकिन अधिकांश गैर-भाजपा राज्य अभी भी इस कौटती के लिए मना कर रहे हैं और इस विषय पर अभी पूरी तरह मौन साधे हुए हैं। जिस तरह से कुछ विपक्षी पार्टियाँ केंद्र के इस फैसले को मानने से पीछे हट रही हैं, उससे देख कर यह साफ़ हो चूका है कि अब इस मुद्दे पर केंद्र और विपक्षी पार्टियों में राजनितिक बयानबाज़ी का सिलसिला शुरू हो सकता है, वहीं अब यह उम्मीद जताई जानी चाहिए कि जल्द से जल्द गैर भाजपा शासित राज्यों की जतना को भी केंद्र सरकार के इस फैसले से लाभ पहुंचे।
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