लखीमपुर खीरी घटना की सच्चाई: पंजाब का 18 वर्षीय युवक, और भिंडरावाले का समर्थक घटनास्थल पर क्या कर रहा था?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में एक हृदयविदारक घटना में अब तक 8 लोगों की हत्या की पुष्टि की जा चुकी है। रिपोर्टस में ये दावा किया जा रहा है कि एक केन्द्रीय मंत्री के सम्बोधन के पश्चात जब उनका काफिला समारोह स्थल से निकलने लगा, तो उनपर अराजकतावादियों ने हमला कर दिया। फिलहाल, लखीमपुर में धारा 144 लगाकर प्रशासन ने स्थिति को बिगड़ने से रोक दिया है।
इस घटना को लेकर ये जताने का प्रयास किया जा रहा है कि यह सारी घटना भाजपा के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के कारण हुई है। हालांकि, इस घटना में खालीस्तानियों की उपस्थिति और एक वीडियों ने सभी का ध्यान खींचा है।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष ने तीन किसानों की गोली मार कर हत्या कर दी, तो कइयों के ऊपर उन्होंने गाड़ी चढ़ा दीं। हालांकि, सच्चाई कुछ और भी हो सकती है। लखीमपुर खीरी से ही कुछ हृदयविदारक वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें कुछ लोगों को मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। ये ‘किसान प्रदर्शनकारी’ लाठी-डंडे लेकर लोगों को पीट रहे हैं।
इस घटना से जुड़ी दो तस्वीरों ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया – एक मृतक लवप्रीत सिंह का, और दूसरा एक अराजकतावादी का, जो विरोध प्रदर्शन में खालिस्तानी सरगना जरनैल सिंह भिंडरावाले की फोटो वाली टी शर्ट पहनकर आया था। मृतक लवप्रीत सिंह की फोटो कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए भाजपा पर निशाना साथा परंतु सवाल तो ये है कि मृतक लवप्रीत सिंह पंजाब से उत्तर प्रदे के लखीमपुरी में क्या कर रहा था?
ट्विटर पर कई लोगों ने रविवार के खूनी संघर्ष की फोटो भी शेयर की जिनमें प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी किसी से फोन पर बात करता हुआ दिख रहा है और उसके बगल में नीली पगड़ी पहने एक शख्स है जिसकी टी-शर्ट पर जरनैल सिंह भिंडरांवाले की फोटो छपी दिख रही है। ऐसे में अब प्रश्न ये उठता है कि यदि ये सरकार के विरुद्ध एक स्थानीय विरोध प्रदर्शन था, तो इसमें ये खालिस्तान समर्थक तत्व क्या कर रहे थे? आखिर किसलिए ये वहाँ पर उपस्थित थे?
लखीमपुर खीरी में जो घटना घटी है, उसका एक ही पक्ष है – विरोध प्रदर्शन के नाम पर अराजकतावादियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर धावा बोला और असफल रहने पर उन्होंने हिंसक झड़प में हिस्सा लिया, जिसके कारण 8 लोग मारे गए।
अब जिस प्रकार से घटनास्थल पर अराजकतावादियों में भिंडरावाले की टीशर्ट पहने अराजकतावादी की फोटो सामने आई है, उससे अब प्रश्न ये उठता है – क्या लखीमपुर में ये हिंसा पूर्व नियोजित थी? क्या बड़े पैमाने पर अराजकता को दोहराया जाना था? यदि ऐसा है तो ये सरकार को विरोध की आड़ में भारत विरोधी त्तवों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की आवश्यकता है।
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