CM योगी हिमंता की राह पर, UP में दो से अधिक बच्चे पैदा किए तो सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है
समाज के लिए यह कदम अति आवश्यक है!
लगता है कि हिमंता बिस्वा सरमा के प्रशंसक पूरे देश में बढ़ रहे हैं। उनके दो बच्चों वाली सरकारी सुविधा रणनीति से लोग इतने प्रसन्न हुए कि उत्तर प्रदेश में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए खाका तैयार किया जा रहा है। अब योगी सरकार भी सुनिश्चित करेगी कि जो भी दो से अधिक बच्चे पैदा करेगा – विशेषकर अल्पसंख्यकों में, उसे सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाएगा।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, “राज्य विधि आयोग ने प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है। आयोग, फिलहाल राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य बिंदुओं पर अध्ययन कर रहा है। जल्द वह अपना प्रतिवेदन तैयार कर राज्य सरकार को सौंपेगा”।
यही नहीं, दो से अधिक बच्चों के अभिभावकों को सरकारी सुविधाओं के लाभ से वंचित किए जाने को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर विशेष अध्ययन होगा। खासकर सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं में कितनी कटौती की जाए, इस पर मंथन होगा। फिलहाल राशन व अन्य सब्सिडी में कटौती के विभिन्न पहलुओं पर विचार शुरू कर दिया गया है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट में ये भी कहा गया, “सूबे में इस कानून के दायरे में अभिभावकों को किस समय सीमा के तहत लाया जाएगा और उनके लिए सरकारी सुविधाओं के अलावा सरकारी नौकरी में क्या व्यवस्था होगी, ऐसे कई बिंदु भी बेहद अहम होंगे। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर असम व मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन शुरू कर दिया गया है। बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न बिंदुओं पर विचार के आधार पर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।”
इस समय इस तरह की योजना असम एवं मध्य प्रदेश में पहले से ही लागू है। हाल ही में असम में जनसंख्या को नियंत्रण में लाने हेतु मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ये नियम लागू किया है। उन्होंने बाकायदा अल्पसंख्यकों से एक विनम्र अपील भी की, कि वे उनकी योजना में सहयोग करे, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है?
अब योगी आदित्यनाथ जिस प्रकार से असम की राह पर चल पड़े हैं, वह सराहनीय है और एक प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक भी। अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए हम अपने देश के संसाधनों की बलि नहीं चढ़ा सकते। हमें योगी आदित्यनाथ और हिमंता बिस्वा सरमा जैसे प्रशासकों को बढ़ावा देना होगा, ताकि देश की प्रगति पर कोई आंच ना आए।
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