क्योंकि PM Cares!
भारत में विपक्षी पार्टियों का एक रीति –रिवाज़ है कि, सरकार कोई भी कदम उठाए उसका उन्हें पुरजोर विरोध करना है। उन्हें इस बात से जरा सा भी फर्क नहीं पड़ता कि सरकार का वह कदम जनता के हित में है या विरोध में। इसी का एक उदाहरण देखने को मिला PM Cares फंड मामले में, जहां लिबरल मीडिया समेत देश के विपक्षी नेताओं ने इस फंड को बदनाम करने के लिए ना-जाने किस हद तक अपना एजेंडा फैलाया।
भारत सरकार की वेबसाइट के मुताबिक, “कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और उससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया है।”
PMcares फंड की वेबसाइट पर इस फंड के उद्देश्य के बारे में भी उल्लेख किया गया है, जिसमें लिखा गया है कि, “संकट की स्थिति, चाहे प्राकृतिक हो या कोई और, में प्रभावित लोगों की पीड़ा को कम करने और बुनियादी ढांचागत सुविधाओं एवं क्षमताओं को हुए भारी नुकसान में कमी/नियंत्रण करने, इत्यादि के लिए त्वरित और सामूहिक कदम उठाना जरूरी हो जाता है। अत: अवसंरचना और संस्थागत क्षमता के पुनर्निर्माण/विस्तार के साथ-साथ त्वरित आपातकालीन कदम उठाना और समुदाय की प्रभावकारी सुदृढ़ता के लिए क्षमता निर्माण करना आवश्यक है।”
ऐसे में हमारे देश की विपक्षी नेता और मुख्यधारा मीडिया ने कोरोना संक्रमण की पहली लहर से ही इस फंड के अखंडता के ऊपर सवाल उठाए हैं। साफ शब्दों में कहें तो उन्हें इस फंड के वितरण में भ्रष्टाचार का शक था। भारत सरकार ने कई दफा इस बेबुनियाद आरोप का जवाब भी दिया है। यहां तक की पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान PM Care फंड के ऊपर किसी प्रकार की आपत्ति नहीं जताई थी और याचिका को भी रद्द कर दिया था।
हालांकि, भारत सरकार की इस बेहतरीन पहल के कारण कोरोना संक्रमण की पहली लहर पर काबू पा लिया गया था, जिसकी वजह से PM cares फंड की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ी थी। परंतु, संक्रमण की दूसरी लहर से राज्यों की स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गई है, ऐसे में सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए सबसे ज्यादा कुछ काम आ रहा है तो वो है, PM cares फंड।
आपको बता दें कि हाल ही में PM CARES फंड के तहत 322.5 करोड़ रुपये की लागत से DRDO द्वारा विकसित oxycare सिस्टम की 1,50,000 इकाइयों को खरीदने की मंजूरी मिली है। आज ही इस फंड के माध्यम से राज्यों को वेंटिलेटर मुहैया कराया गया है। इसके अलावा भारत सरकार ने पिछले साल 3,100 करोड़ रुपए कोविड राहत कार्य के लिए आवंटित किए थे। जिसका इस्तेमाल आज कई राज्यों में हो रहा है।
हाल ही में एक खबर आई थी कि, कांग्रेस शासित राज्य पंजाब और राजस्थान में PM cares फंड के माध्यम से आवंटित किए गए वेंटिलेटर पड़े-पड़े खराब हो गए हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को केंद्र सरकार से सवाल पूछने से पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए, कि वे सरकारी फंड का उपयोग कैसे करते है।
कांग्रेस पार्टी पर एक कहावत चरितार्थ होती है कि – इंसान जिस रंग का चश्मा पहनता है, दुनिया उसे उसी रंग की दिखाई देती है। अर्थात दशकों से भ्रष्टाचार में लिप्त कांग्रेस पार्टी को हर जगह भ्रष्टाचार ही दिखाई देता है। हमारे देश की मुख्यधारा मीडिया, जिसका काम है जनता को सच और तथ्य बताना, उसने भी विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ एजेंडा चलाने का काम किया है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है!
Comments
Post a Comment