CBI जांच की मांग के साथ ही SC पहुँचा बंगाल हिंसा मामला, ममता की बढ़ सकती है मुश्किलें

ममता बनर्जी को देना होगा, हिंसा के खेला का हिसाब

बंगाल में TMC की जीत के बाद से ही राज्य में राजनीतिक हिंसा का दौर शुरू हो गया है। BJP कार्यकर्ताओं को निशाने पर लिया जा रहा है। नतीजे वाले दिन ही कोलकाता में BJP के दफ्तर में आग लगा दी गई थी। सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि आम जनता को भी TMC कार्यकर्ता निशाना बना रहे है।

कई ऐसे भी वीडियो सामने आये हैं जिसमें महिलाओं के साथ मारपीट और जबरदस्ती की जा रही है। अब पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा और बीजेपी के नेताओं पर हमले को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

उन्होंने याचिका दाखिल करते हुए पश्चिम बंगाल में चुनावों के बाद हो रही हिंसा, हत्या और बलात्कार के मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कराने की मांग की गई है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जाँच के आदेश दे दिया तो यह TMC और ममता बनर्जी के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर देगा।

भाटिया ने अपनी याचिका में कहा कि अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) उन लोगों खिलाफ हिंसा कर रही है, जिन्होंने 2021 के विधानसभा चुनावों में अन्य दलों को वोट दिया था। भाजपा नेता ने कोलकाता में हुए बीजेपी के कार्यकर्ता अविजित सरकार की हत्या का हवाला देते हुए कहा कि यह इस बात को उजागर करने के लिए पर्याप्त है कि कैसे टीएमसी के संरक्षण में पश्चिम बंगाल में हिंसा हो रही है।

याचिका में कहा गया है कि उनकी मौत से पहले फेसबुक पर अपलोड किए गए वीडियो में सरकार ने बताया था कि कैसे टीएमसी कार्यकर्ताओं ने न केवल उनके घर और एनजीओ में तोड़फोड़ की, बल्कि कुत्तों को भी मार दिया। गौरव भाटिया ने अपनी याचिका में सीबीआई जांच के अलावा कोर्ट से आग्रह किया है कि वह पश्चिम बंगाल सरकार से अपराधियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर, गिरफ्तारी और उसके द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दे।

भाजपा नेता ने कहा कि “यह स्पष्ट है कि टीएमसी के नेता पुलिस और अन्य एजेंसियों पर अनुचित प्रभाव डाल रहे है, क्योंकि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता द्वारा किये गए हिंसा के खिलाफ कोई FIR दर्ज नहीं की गई है।”

उन्होंने अपनी याचिका में यह भी लिखा है कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बंगाल हिंसा सीधे तौर पर सत्ताधारी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रायोजित कर रही है, जो राज्य के नागरिकों के खिलाफ बदला लेना चाहती हैं, जिन्होंने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए TMC के अलावा किसी अन्य पार्टी को वोट दिया है।

बता दें कि सोमवार को भी पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या करने की खबर है। BJP के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि बंगाल चुनाव के बाद शुरू हुई हिंसा में 24 घंटे में 9 लोगों की मौत हुई है। स्पष्ट होता है कि ममता के गुंडों ने अब BJP से बदला लेने के लिए BJP के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।जहां नंदीग्राम में पूर्व TMC नेता शुभेन्दु अधिकारी के हाथों ममता बनर्जी की हार से बौखलाए तृणमूल के गुंडों ने त्राहिमाम मचा रखा है।

तृणमूल के गुंडे महिलाओं, वृद्धों यहाँ तक कि जानवरों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। इसके अलावा हावड़ा में भाजपा के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया था। लेकिन यह हिंसा केवल भाजपा तक सीमित नहीं है।

अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी इस मामले की गंभीरता और सोशल मीडिया पर हिंसा वाले वीडियो देख कर इस जाँच के आदेश की उम्मीद है। इतने सबूत मौजूद है कि TMC के खिलाफ अगर सुप्रीम कोर्ट ने जांच का आदेश दे दिया तो यह ममता बनर्जी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी। अब देखना यह है कि SC क्या फैसला लेता है।

Comments

  1. सुप्रीम कोर्ट को बगैर देरी किए मामले पर संज्ञान लेकर आवश्यक आदेश पारित करना चाहिए।

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  2. If the High Court wants democracy to prevail, Mamta's immediate action will have to be taken immediately, only then the credibility of the High Court will remain in the people of India.

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  3. चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हुई इस हिशंक घटना से भारत में लोकतंत्र के प्रति लोगों के मन में आशंका पैदा हुई है ऐसी दुर्घटनाएं लोकतंत्र इंसानियत के लिए शर्मसार करने वाली हैं भारत को भारत सरकार को इसमें संज्ञान लेकर तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी दल चुनावी हिंसा में शामिल ना हो

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