महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार के अंतर्गत पिछले डेढ़ सालों में अनेकों भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। इसी कड़ी में अब सीएम उद्धव ठाकरे के करीबी नेता अनिल परब पर भी 300 करोड़ की वसूली का आरोप लगा हैं। गृहमंत्री अनिल देशमुख के 100 करोड़ की वसूली के खुलासों के बाद अब अनिल परब पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगना महाराष्ट्र सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि एक निलंबित आरटीओ अधिकारी ने ट्रांसफर पोस्टिंग में वसूली का आरोप लगाया है, जिसको लेकर क्राइम ब्रांच ने जांच भी शुरू कर दी है।
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी की सरकार असल में महाविनाश अघाड़ी बन गई है, जो एक मसले में फंसने के बाद मामला थोड़ा ठंडा होने पर फिर किसी नए मामले के कारण चर्चा में आ जाती है। पहले सुशांत सिंह राजपूत केस, फिर पालघर हिंसा, फिर गृहमंत्री अनिल देशमुख का वसूली कांड सभी ने सरकार की विश्वसनीयता के परखच्चे उड़ा दिए हैं। वहीं अब नासिक के एक निलंबित आरटीओ अधिकारी ने ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री अनिल परब पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं।
भ्रष्टाचार के मामले में घिरी महाराष्ट्र सरकार के लिए नई मुश्किल खड़ी करते हुए निलंबित आरटीओ इंस्पेक्टर ने अनिल परब पर परिवहन विभाग के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में 300 करोड़ रुपये की वसूली करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले में महाराष्ट्र के पंचवटी पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज करा दी है। अचानक हुए इस बड़े खुलासे के बाद अनिल परब के इस्तीफे की मांग शुरू हो गई है।
निलंबित आरटीओ इंस्पेक्टर गजेंद्र पाटिल ने शिकायत में परिवहन मंत्री अनिल परब, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अविनाश ढाकणे सहित पांच अधिकारियों के नाम दर्ज कराए हैं। उनका आरोप है कि आरटीओ अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए करोड़ों रुपये की मोटी रकम अनिल परब के इशारे पर वसूली जाती थी, जिसका बड़ा हिस्सा उनके पास ही पहुंचता था। इन आरोपों के बावजूद अब महाराष्ट्र की पुलिस फिर अपने पेशे से डिगने लगी है। पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज करने से बच रही है, लेकिन शिकायत मिलने के 13 दिन बाद नासिक पुलिस आयुक्त दीपक पांडेय ने डीसीपी (क्राइम ब्रांच) को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
पिछले काफी वक्त से महाराष्ट्र सरकार भ्रष्टाचार को लेकर विवादों में है। कुछ दिनों पहले ही मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की प्रतिमाह उगाही का आरोप लगाया था। वहीं अब परिवहन मंत्री अनिल परब पर भी आरोप लगने लगे हैं। दिलचस्प बात ये है कि अनिल परब को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का करीबी माना जाता है।
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