छत्तीसगढ़ को कोरोना headquarter बनाने के बाद मुख्यमंत्री बघेल प्रधानमंत्री पर आरोप लगाने में जुटें हैं
"PM मोदी ने हमें तैयार होने के लिए नहीं कहा"
भारत के संविधान का अनुच्छेद 246 और सातवीं अनुसूची में राज्य सरकार और केंद्र सरकार की जिम्मेदारियों को बाँटा गया है। बता दें कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता, अस्पताल और औषधालय राज्य की सूची में आते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखने की सबसे पहली जिम्मेदारी राज्य की बनती है, लेकिन सच तो यह है कि आज एक भी राज्य अपना कर्तव्य सही से नहीं निभा पा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल छत्तीसगढ़ का भी है। मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल कोरोना संक्रमण के दूसरे वेव के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
द प्रिंट को दिए इंटरव्यू में सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर मोदी सरकार द्वारा सलाह और गाइडलाइन भी नहीं दी गई। बघेल ने कहा कि, “अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी लहर के बारे बता देते तो राज्य अच्छे से तैयारी कर सकते थे।”
गौरतलब है कि दुनिया के लगभग हर देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर आई है। इसके साथ ही वायरस mutate होते हैं, यह बात किसी से नहीं छिपी है। ऐसे में राज्य सरकार को अपनी जनता की सुरक्षा के लिए खुद तत्पर रहना चाहिए था।
इंटरव्यू में बघेल ने आगे कहा कि, “अस्पताल में कोरोना वायरस के उपचार में इस्तेमाल होने वाली एंटी-वायरल दवा, ऑक्सीजन या remdesivir की कोई कमी नहीं है, लेकिन COVID-19 के टीके की आपूर्ति केंद्र द्वारा कम हुई है, जिससे राज्य के टीकाकरण अभियान प्रभावित हो रहा है।”
बता दें कि, द प्रिंट के ही रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन की कमी की वजह से शंकर लाल श्रीनिवास की मौत हो गई थी। यह घटना सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार को किरकरी झेलनी पड़ी थी। ऐसे ही एक और घटना सामने आई थी, जिसमें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अस्पताल में वैन न होने की वजह से मृत शरीर को ले जाने के लिए ट्रक का इस्तेमाल किया गया था।
अब रही बात टीकाकरण को लेकर दावों की, तो आपको बता दें कि फरवरी में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने Covaxin की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि राज्य में भारत बायोटेक की Covaxin की किसी भी शिपमेंट को तब तक न भेजें जब तक कि तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम नहीं आ जाते है।
द प्रिंट को दिए गए इंटरव्यू से एक चीज साफ हो जाती है कि कैसे राज्य अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते है और फिर केंद्र सरकार को उत्तरदायी मानते है। देश के 62 प्रतिशत कोरोना के मामले छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों से आ रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री जी को आरोप- प्रत्यारोप का खेल छोड़ कर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए।
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