‘आपकी विफलता के कारण हम क्यों घाटा सहें?’, उद्धव की तानाशाही पर रेस्तरां और होटलों ने जताया विरोध

उद्धव ने महाराष्ट्र को बर्बादी के मुहाने पर खड़ा कर दिया है!

महाराष्ट्र सरकार कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। वर्तमान समय में देश के 60 प्रतिशत से भी ज्यादा कोरोना वायरस के मामले केवल एक राज्य, महाराष्ट्र से आ रहे हैं। उद्धव सरकार बढ़ते कोरोना के मामलों को काबू में नहीं कर पाई है, जिसकी वजह से Night-Curfew और सप्ताह के अंत में लॉकडाउन के नए नियम लागू किए गए हैं।

बता दें कि, महाराष्ट्र सरकार के नए नियमों के आने से रेस्तरा मालिकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। National Restaurants Association of India (NRAI) के प्रमुख अनुराग कतरियार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर रेस्तरा मालिकों को Night-Curfew और सप्ताह के अंत में लॉकडाउन के चलते हो रही परेशानियों के बारे में बताया है।

https://twitter.com/KingKatriar/status/1378730540086423564?s=20

National Restaurants Association of India (NRAI) प्रमुख अनुराग कतरियार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि, “महाराष्ट्र सरकार से निवेदन है कि खाने-पीने के व्यापार को पूरे तरह से बंद कर दे, ऐसे धीरे- धीरे मारने से अच्छा है कि एक बार में ही मार दो। Night-Curfew की वजह से डिनर के समय पर हो रहा व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। डिनर का व्यापार बंद होने की वजह से 75 प्रतिशत तक का घाटा सहना पड़ रहा है। साथ ही सप्ताह के अंत में लॉकडाउन की वजह से 60 प्रतिशत तक का नुकसान झेलना पड़ता है।”

NRAI प्रमुख अनुराग कतरियार ने एक अन्य ट्वीट में महाराष्ट्र सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है कि,“हम समझ सकते हैं कि 50 प्रतिशत क्षमता के साथ रेस्तरा चलाना ज्यादा खतरनाक हैं, जबकि शेयर मार्केट, APMC मंडी, बसें और ट्रेन चलाना कम खतरनाक है।”

https://twitter.com/KingKatriar/status/1378730542892376065

अनुराग ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से आग्रह किया कि, “हमने पिछले साल अपना कारोबार बंद रखा और उसके बाद 50 प्रतिशत तक की आबादी के साथ रेस्तरा खोलने की अनुमति मिली है। अब जैसे ही हमारा व्यापार फिर से रफ्तार पकड़ रहा था, सरकार ने Night-Curfew और सप्ताह के अंत में लॉकडाउन लगाकर हमारे पेट पर लात मारने का काम किया है। ट्वीट में अनुराग ने आगे कहा कि, सरकार अब पूरी तरह से सब कुछ बंद कर दे और हमारे नुकसान की भरपाई कर दे, ताकि हम अपने यहाँ काम कर रहे लोगों को वेतन मुहैया करा पाएं।”

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना के मामले कभी कम नहीं हुए थे। जब देश में कोरोना वायरस के न्यूनतम मामले सामने आ रहे थे, तो उस दौरान भी महाराष्ट्र में कोरोना के मामले कम नहीं हुए थे। महाराष्ट्र की स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने रेस्तरा पर 50 प्रतिशत तक ही खोलने की अनुमति दी थी, जिसकी वजह से रेस्तरा मालिकों को नुकसान झेलना पड़ रहा था।

मुंबई के Staranise Cafe & Patisserie के संस्थापक अनीश खान का कहना है कि आमदनी में 20 प्रतिशत तक गिरावट आई है और वॉक- इन में 30 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है।

महाराष्ट्र सरकार चारों ओर से घिरी हुई नज़र आ रही है, क्योंकि राज्य में राजनीतिक गतिविधियां भी रोज़ सामने आ रही हैं। राजनीतिक गतिविधियां के साथ-साथ महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था भी धरातल पर है। राजनीतिक उथल- पुथल के साथ महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। साथ ही महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में भी भारी गिरावट आई है। अब देखना होगा कि उद्धव ठाकरे अपनी सरकार में स्थिरता लाएंगे या फिर महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को बचाएंगे।

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