एंटीलिया केस: देवेंद्रफडणवीस ने उद्धवठाकरे सरकार को घेरा,पूछा- परमबीर सिंहऔर सचिन वाझे परकिसका आशीर्वाद?

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देंवेंद्र फडणवीस ने एटीलिया केस में गिरफ्तार हुए सचिन वाझे को लेकर शिवसेना और उद्धव ठाकरे सरकार को घेरा है। फडणवीस ने खुलासा किया है कि जब वह शिवसेना के साथ मिलकर सरकार चला रहे थे तब भी उद्धव ठाकरे ने वाझे को बहाल करने का दबाव उन पर डाला था इसके लिए खुद उद्धव ठाकरे ने फोन पर बात की थी और शिवसेना के कुछ मंत्रियों ने मुलाकात करके सिफारिश की थी। पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने कानूनी सलाह और वाझे के रिकॉर्ड को देखते हुए बहाल नहीं किया था।

एपीआई सचिन वाझे को 2004 में सस्पेंड कर दिया गया था। 2008 में उन्होंने वीआरएस ले लिया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया था। वह शिवेसना में भी शामिल हुए थे और प्रवक्ता की भूमिका भी निफाई थी। देवेंद्र फडणवीस ने यहां तक कहा कि मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए गए परमबीर सिंह और सचिन वाझे छोटे लोग हैं, इसके पीछे किसका आशीर्वाद है, इसकी जांच होनी चाहिए। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सचिन वाझे को वसूली अधिकारी बनाकर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में बिठाया गया था और सभी हाई प्रोफाइल केस दिए जा रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनसुख हिरेन की मौत की जांच कर रही एटीएस ठीक से जांच नहीं कर रही है।

फडणवीस ने कहा, ''मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि क्या एटीएस पर दबाव है। यह घटना अकेले सचिन वाझे नहीं कर सकता है। इसमें कौन-कौन है इसकी जांच होनी चाहिए। यह पुलिस की विफलता नहीं है, यह सरकार की विफलता है। सरकार ने ऐसे व्यक्ति को ऐसी महत्वपूर्ण जगह पर बिठाया जिसका पास्ट इतना खराब है। मुख्यमंत्री और सरकार ने उन्हें डिफेंड किया। इतने सबूत मैं नहीं देता तो शायद उसको महात्मा बताया जाता। पूछा गया था कि क्या वह ओसामा बिन लादेन है। इसके पास सरकार का कुछ ऐसा था जिसकी वजह से सरकार को इतना महत्वपूर्ण पद देना पड़ा। जांच एजेंसियों को इसकी तलाश करनी पड़ेगी।''

फडणवीस ने कहा, ''महामारी में पुलिसकर्मियों की कमी का बहाना बनाकर वाझे और उनके साथ के कुछ लोगों को लेकर सरकार ने वापस लिया। अन्य कुछ अधिकारी जो छोटी वजहों से सस्पेंड थे उनको वापस नहीं लिया। जो हाई कोर्ट के आदेश से हटाए गए थे उन्हें वापस लिया। वाझे पर वसूली केस में भी नाम आया। इतना खराब रिकॉर्ड होने के बावजूद इनको लिया गया। मुंबई क्राइम ब्रान्च की सबसे महत्वपूर्ण यूनिट है क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट। वाझे को इसका प्रमुख बना दिया गया। मुंबई में जितने हाई प्रोफाइल केस हुए सारे केस सीआईयू को दिए गए। मुंबई पुलिस में सीपी के बाद किसी का कद था तो वह सचिन वाझे का था। सीएम और गृहमंत्री और मंत्रियों के ब्रीफिंग में वे नजर आते थे।'' फडणवीस ने यह भी कहा कि सचिन वाझे के शिवसेना के कई नेताओं से करीबी और कारोबारी रिश्ते हैं।

दवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''हमें तो पूरी तरह लगता है कि एक प्रकार से सीआईयू के रूप में नहीं वसूली अधिकारी के रूप में उन्हें बैठाया गया। बड़े पैमाने पर मुंबई डांस बार चलाने की छूट दी गई।'' फडणवीस ने बताया कि जिलेटिन वाली स्कॉर्पियो गाड़ी वाझे के पास ही थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनसुख हिरेन की हत्या की गई और लाश को बहाने के मकसद से फेंका गया था।  
 

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