हाल ही में एक अहम निर्णय में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने घोषणा की है कि अयोध्या में श्रीराम को समर्पित एक विश्वविद्यालय जल्द ही खोला जाएगा। इस विश्वविद्यालय में एक अनोखी शिक्षा प्रणाली होगी, जहां सनातन धर्म से संबंधित शास्त्रों की विद्या से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाएगा।
इसके बारे में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने जनता को अवगत कराया, जो राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री भी हैं। उनके अनुसार ये विश्वविद्यालय श्रीराम के आदर्श, उनसे जुड़ी सांस्कृतिक बातों के अनुसंधान इत्यादि को बढ़ावा देगा और सनातन धर्म में अनुसंधान और निवेश को बढ़ावा देगा।
दिनेश शर्मा के अनुसार, “यह विश्वविद्यालय प्रभु श्रीराम की महिमा का प्रचार कराएगा और उनके आदर्शों को विद्यार्थियों में आत्मसात कराएगा। यह विश्वविद्यालय पब्लिक प्राइवेट पार्ट्नरशिप मॉडेल के अंतर्गत निर्मित किया जाएगा। इसके अलावा आयुष विश्वविद्यालय नामक एक विशेष स्पोर्ट्स आधारित विश्वविद्यालय भी स्थापित किया जाएगा। इसके लिए एक स्पष्ट एक्शन प्लान तय किया गया है, और उत्तर प्रदेश को उच्च शिक्षा के लिए एक आदर्श केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए सरकार ने 16 सदस्यीय टास्क फोर्स गठित की है”।
जब से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की कमान संभाली है, अयोध्या को सनातन धर्म के प्रमुख केंद्रों में से एक के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए काफी कवायद चल रही है। चाहे सूरजकुंड प्रोजेक्ट का निर्माण हो, अयोध्या में ‘मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट’ नामक एयरपोर्ट हो, श्रीराम आधारित संग्रहालय हो, या फिर श्रीराम आधारित वैश्विक encyclopedia ही क्यों न हो, आप बस बोलते जाइए और योगी सरकार ने वो सब करके दिखाया।
इस विषय पर TFI पोस्ट ने काफी विस्तृत कवरेज भी की है। अभी हाल ही में राज्य के बजट में अयोध्या नगरी को विशेष रूप से 658 करोड़ रूप आवंटित किये गए हैं।
अयोध्या में धार्मिक संस्थानों के पुनर्निर्माण के अलावा राज्य सरकार अयोध्या को एक आकर्षक पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित कर रही है, जिसके लिए लगभग 400 करोड़ रुपये अतिरिक्त तौर पर प्रदान किये गए हैं, और इसके अंतर्गत रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण से लेकर सड़क एवं अन्य इन्फ्रस्ट्रक्चर के निर्माण का भी प्रबंध किया गया है।
जब से योगी सरकार सत्ता में आई है, अयोध्या का कायाकल्प हो चुका है। अब यहाँ श्रीराम विश्वविद्यालय के माध्यम से सनातन धर्म का प्रचार कर योगी आदित्यनाथ नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भारत के पुनरुत्थान की जिम्मेदारी भी संभालना चाहते हैं, जो सराहनीय भी है और कल्याणकारी भी।
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