गणतंत्र दिवस पर लाल किला पर हुई हिंसा के आरोप में गिरफ्तार सुखदेव ने पुलिस को कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं।
आधिकारिक पुलिस सूत्रों की मानें तो सुखदेव ने ही लाल किला पर झंडा फहराने के लिए जुगराज को बोला था। जब जुगराज धार्मिक झंडा लेकर ऊंचे पोल पर चढ़ रहा था तो नीचे खड़े होकर सुखदेव ने ही अन्यों के साथ उसे सहारा दिया था। अभी आरोपित जुगराज फरार है। वह मूल रूप से पंजाब के तरनतारन जिला का रहने वाला है। वह वहां पर पांच गुरुद्वारों में सेवादार है।
इन गुरुद्वारों में वह झंडा फहराने और उतारने का काम करता है। उसे पोल पर चढ़ने का काफी अभ्यास है। यह बात सुखदेव का पता थी। इसीलिए जब सिंघु बॉर्डर से भीड़ दिल्ली में लाल किला की ओर बढ़ी तो वह जुगराज को अपने साथ ले गया।
सूत्रों की मानें तो सुखदेव ने आगे खुलासा किया है कि लाल किला आने पर उसे यहां दीप सिद्धू भी मिला। उसने भी उसे उक्साया था। सूत्रों के मुताबिक सुखदेव भी सुरक्षा कर्मियों से मारपीट की घटना में शामिल था।
क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी शिबेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने सुखदेव को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया है। पुलिस उससे लाल किला हिंसा मामले में पूछताछ कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक लाल किला हिंसा में 50 हजार रुपये का इनामी सुखदेव वारदात के बाद सिंघु बॉर्डर पर ही भीड़ में छिपा हुआ था। इसके अलावा उसने और भी कई ठिकाने बदले।
आरोपित को एसीपी संदीप लांबा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर नीरज चौधरी की टीम ने चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया है। वह रविवार को सिंघु बॉर्डर से चंडीगढ़ जाने के लिए निकला था। उसे एक मामले में कोर्ट में याचिका दायर करनी थी।
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