दिल्ली पुलिस ने जारी की दंगाइयों की तस्वीर, ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा में थे शामिल

                इमेज साभार इंडिया टीवी

दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़के हिंसा में शामिल दंगाइयों की तस्वीरें जारी कर दी है। तस्वीरों में करीब 13 लोग हैं जिनके चेहरे साफ देखे जा सकते हैं। इन तस्वीरों में दंगाइयों के हाथों में लाठी, रॉड दिखाई दे रहे हैं।

 दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़के हिंसा में शामिल दंगाइयों की तस्वीरें जारी कर दी है। तस्वीरों में करीब 13 लोग हैं जिनके चेहरे साफ देखे जा सकते हैं। इन तस्वीरों में दंगाइयों के हाथों में लाठी, रॉड दिखाई दे रहे हैं। असल में दिल्ली पुलिस ने पब्लिक से अपील की थी कि अगर किसी के पास दिल्ली हिंसा से रिलेटेड वीडियोज हैं तो वो दिल्ली पुलिस के साथ शेयर करें। इससे आरोपियो को पकड़ने में आसानी होगी, उन्हें जल्द से जल्द पहचाना जा सकेगा जिसके बाद दिल्ली पुलिस को हिंसा से जुडे 1000 से ज्यादा वीडियो मिले और इन्हीं के आधार पर आरोपियों की पहचान हो रही है। 

आईटीओ, लाल किला और नांगलोई में सबसे ज्यादा उत्पात मचा था इसीलिए यहां के मामलों की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है जबकि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल UAPA के तहत जांच कर रही है। बता दें कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के नाम पर दिल्ली के अलग अलग जगहों पर हिंसा हुई थी। लाल किले में दंगाइयों ने घुसकर हंगामा किया था। आईटीओ पर भी पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चलाने की कोशिश की थी जिसमें कुल मिलाकर करीब 400 पुलिसवाले घायल हुए थे।

वहीं गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रदर्शनस्थलों पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई है। पिछले दिनों पुलिस को बैरिकेडिंग के अलग-अलग तरीके अपनाते हुए देखा गया। प्रशासन ने किसानों को आने से रोकने के लिए यहां बड़ी-बड़ी कीलें, कंटीले तारों वाली फेंसिंग और कॉन्क्रीट की बैरिकेडिंग तैयार की है, जिसको लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

मंगलवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव से इस संबंध में सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि 26 तारीख की घटना के बाद यह सवाल क्यों नहीं पूछा गया था? उन्होंने कहा कि सुरक्षा की जरूरत के लिहाज से कदम उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर पुलिस कमिश्नर ने जवाब दिया, 'मुझे हैरानी है कि जब पुलिस के खिलाफ ट्रैक्टर इस्तेमाल किए गए थे। 26 तारीख को भी बैरिकेड्स तोड़े गए थे लेकिन उसपर कोई सवाल नहीं पूछा गया। अब हमने क्या किया है? हम बस बॉर्डर पर बैरिकेडिंग मजबूत कर रहे हैं ताकि फिर से इन्हें न तोड़ा जाए। 

दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़के हिंसा में शामिल दंगाइयों की तस्वीरें जारी कर दी है। तस्वीरों में करीब 13 लोग हैं जिनके चेहरे साफ देखे जा सकते हैं। इन तस्वीरों में दंगाइयों के हाथों में लाठी, रॉड दिखाई दे रहे हैं। असल में दिल्ली पुलिस ने पब्लिक से अपील की थी कि अगर किसी के पास दिल्ली हिंसा से रिलेटेड वीडियोज हैं तो वो दिल्ली पुलिस के साथ शेयर करें। इससे आरोपियो को पकड़ने में आसानी होगी, उन्हें जल्द से जल्द पहचाना जा सकेगा जिसके बाद दिल्ली पुलिस को हिंसा से जुडे 1000 से ज्यादा वीडियो मिले और इन्हीं के आधार पर आरोपियों की पहचान हो रही है। 

आईटीओ, लाल किला और नांगलोई में सबसे ज्यादा उत्पात मचा था इसीलिए यहां के मामलों की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है जबकि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल UAPA के तहत जांच कर रही है। बता दें कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के नाम पर दिल्ली के अलग अलग जगहों पर हिंसा हुई थी। लाल किले में दंगाइयों ने घुसकर हंगामा किया था। आईटीओ पर भी पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चलाने की कोशिश की थी जिसमें कुल मिलाकर करीब 400 पुलिसवाले घायल हुए थे।

वहीं गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रदर्शनस्थलों पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई है। पिछले दिनों पुलिस को बैरिकेडिंग के अलग-अलग तरीके अपनाते हुए देखा गया। प्रशासन ने किसानों को आने से रोकने के लिए यहां बड़ी-बड़ी कीलें, कंटीले तारों वाली फेंसिंग और कॉन्क्रीट की बैरिकेडिंग तैयार की है, जिसको लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

मंगलवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव से इस संबंध में सवाल पूछे गए तो उन्होंने कहा कि 26 तारीख की घटना के बाद यह सवाल क्यों नहीं पूछा गया था? उन्होंने कहा कि सुरक्षा की जरूरत के लिहाज से कदम उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर पुलिस कमिश्नर ने जवाब दिया, 'मुझे हैरानी है कि जब पुलिस के खिलाफ ट्रैक्टर इस्तेमाल किए गए थे। 26 तारीख को भी बैरिकेड्स तोड़े गए थे लेकिन उसपर कोई सवाल नहीं पूछा गया। अब हमने क्या किया है? हम बस बॉर्डर पर बैरिकेडिंग मजबूत कर रहे हैं ताकि फिर से इन्हें न तोड़ा जाए।'

Comments