गाजीपुर बॉर्डर जाने वालों की कुंडली जुटा रही यूपी पुलिस, एक्शन के डर से टेंशन में ‘किसानों’ के चौधरी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाँवों से गाजीपुर विरोध स्थल पर जाने वाले सभी ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ का एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। जिसके चलते किसान संगठन के नेताओं को अब कानूनी कार्रवाई होने का भय सताने लगा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इन सभी किसानों को नोटिस दिए जा सकते हैं। किसान नेताओं का दावा है कि पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों के परिवारों पर उनसे विरोध स्थल से घर लौट आने को कहने का दबाव बनाया जा रहा है।

समाचार पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के बाद, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही किसानों की सबसे अधिक संख्या को दिल्ली के बाहरी इलाकों में विरोध प्रदर्शन के लिए भेजा गया है, जिसमें विशेष रूप से गाजियाबाद जिले के अंतर्गत आने वाले गाजीपुर के लोग शामिल हैं। इसी बीच, गाजीपुर में धारा 144 के जरिए निषेधात्मक आदेश लागू किए गए हैं।

किसान संगठन के नेताओं का दावा है कि पुलिस, प्रदर्शनकारियों के परिवारों से अपने परिजनों को घर लौटने को कहने का भी दबाव बना रही है। उल्लेखनीय है कि गाजीपुर के विरोध स्थल पर अधिकांश प्रदर्शनकारी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से हैं।

आगरा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, ए सतीश गणेश ने कहा, “पिछले दो महीनों से हम किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने की अपील कर रहे हैं। दिल्ली सीमा से लगे हिस्सों पर बड़े पैमाने पर आवाजाही को रोकने के लिए निवारक कार्रवाई की जा रही है। दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए लोगों का डेटाबेस तैयार करने के लिए पुलिस की टीमें गाँवों में जा रही हैं। गाजियाबाद प्रशासन द्वारा धारा 144 लगाई गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डालने वाले लोगों को विरोध स्थल छोड़कर वापस घर जाना चाहिए।”

हालाँकि, शाहजहाँपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एस आनंद ने कहा कि उन्होंने सिर्फ डेटा बनाए रखने के लिए उन प्रदर्शनकारियों के बारे में जानकारी दर्ज की है, जो 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में भाग लेने गए थे।

उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली पुलिस हिंसा में शामिल किसी भी प्रदर्शनकारी को ढूँढती है और उसे खोजने में मदद की जरूरत पड़ती है, तो उत्तर प्रदेश पुलिस आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने आगे कहा कि वे किसी भी प्रदर्शनकारी के परिवार के सदस्यों पर उन्हें घर लौटने को मजबूर करने का दबाव नहीं डाल रहे हैं।

6 फरवरी को देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की
प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने 06 फरवरी को तीन घंटे के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन (आर) के नेता बलबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो 06 फरवरी को दोपहर 12 बजे से 03 बजे तक रोड ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि यह चक्का जाम प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट बैन, बजट में किसानों को नजरअंदाज किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर किया जाएगा।समाचार पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के बाद, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही किसानों की सबसे अधिक संख्या को दिल्ली के बाहरी इलाकों में विरोध प्रदर्शन के लिए भेजा गया है, जिसमें विशेष रूप से गाजियाबाद जिले के अंतर्गत आने वाले गाजीपुर के लोग शामिल हैं। इसी बीच, गाजीपुर में धारा 144 के जरिए निषेधात्मक आदेश लागू किए गए हैं।

किसान संगठन के नेताओं का दावा है कि पुलिस, प्रदर्शनकारियों के परिवारों से अपने परिजनों को घर लौटने को कहने का भी दबाव बना रही है। उल्लेखनीय है कि गाजीपुर के विरोध स्थल पर अधिकांश प्रदर्शनकारी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से हैं।

आगरा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, ए सतीश गणेश ने कहा, “पिछले दो महीनों से हम किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने की अपील कर रहे हैं। दिल्ली सीमा से लगे हिस्सों पर बड़े पैमाने पर आवाजाही को रोकने के लिए निवारक कार्रवाई की जा रही है। दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए लोगों का डेटाबेस तैयार करने के लिए पुलिस की टीमें गाँवों में जा रही हैं। गाजियाबाद प्रशासन द्वारा धारा 144 लगाई गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डालने वाले लोगों को विरोध स्थल छोड़कर वापस घर जाना चाहिए।”

हालाँकि, शाहजहाँपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एस आनंद ने कहा कि उन्होंने सिर्फ डेटा बनाए रखने के लिए उन प्रदर्शनकारियों के बारे में जानकारी दर्ज की है, जो 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में भाग लेने गए थे।

उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली पुलिस हिंसा में शामिल किसी भी प्रदर्शनकारी को ढूँढती है और उसे खोजने में मदद की जरूरत पड़ती है, तो उत्तर प्रदेश पुलिस आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने आगे कहा कि वे किसी भी प्रदर्शनकारी के परिवार के सदस्यों पर उन्हें घर लौटने को मजबूर करने का दबाव नहीं डाल रहे हैं।

6 फरवरी को देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की
प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने 06 फरवरी को तीन घंटे के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन (आर) के नेता बलबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो 06 फरवरी को दोपहर 12 बजे से 03 बजे तक रोड ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि यह चक्का जाम प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट बैन, बजट में किसानों को नजरअंदाज किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर किया जाएगा।

Comments

  1. इसमें क्या ग़लत है? लोगों को कितनी असुविधा हो रही है। सरकार का कर्तव्य है कि लोगों को हिंसात्मक आंदोलन से विरक्त करें। साठ दिनों से ऊपर हो गये हैं पर कोई लाठीचार्च तक नहीं हुआ जबकि इस आंदोलन में शामिल बहुत से लोग राष्ट्र विरोधी हैं। कांग्रेस की सरकारों में किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए गोलियां चलाई गईं हैं। नक्सलियों, खालिस्तान आंदोलनों को खत्म करने के लिए कांग्रेस सरकारों ने बंगाल और पंजाब में क्या किया था। आपरेशन ब्लूस्टार क्या था? ये विपक्षी किस मुंह से मानवाधिकार और सहिष्णुता की बात करते हैं? यह आंदोलन मोदी को हटाने के चक्कर में देश के साथ गद्दारी करने पर उतारू है।

    ReplyDelete

Post a Comment