चीन के टीकाकरण शुरू करते ही, चीनी वैक्सीन फर्म SinoPharm के निदेशक और अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

चीन की वैक्सीन में कुछ तो काला है....

दुनियाभर में हो रही चीनी वैक्सीन की थू-थू के बीच अब चीन की टॉप वैक्सीन निर्माता Sinopharm कंपनी के चेयरमैन और डायरेक्टर ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। चीनी वैक्सीन को चीन में इस्तेमाल के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, जिसके बाद इस बात की आशंका लगाई जा रही है कि वैक्सीन के कारण इसे इस्तेमाल करने वालों में 73 प्रकार के side effects देखने को मिल सकते हैं। हाल ही में जाने-माने चीनी वैक्सीन एक्सपर्ट Tao Lina ने चीनी वैक्सीन को इसी आधार पर दुनिया की सबसे घटिया वैक्सीन भी घोषित किया था। स्पष्ट है कि अब कंपनी के डायरेक्टर और चेयरमैन नहीं चाहते कि बाद में चीनी वैक्सीन के Roll out के बाद उत्पन्न होने वाले किसी भी अवांछित हालात के लिए उन्हें दोषी ठहराया जाये!

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार तीन ट्रायल्स के नतीजों के बाद चीन ने दावा किया था कि उसकी वैक्सीन की efficacy 79.34 प्रतिशत है। हालांकि, ब्राज़ील में हुए चीनी वैक्सीन के ट्रायल्स में Sinovac पूरी तरह फुस्स साबित हुई। ब्राज़ील द्वारा सूत्रों के हवाले से जारी किए गए आंकड़ों में उसकी efficacy महज़ 50 प्रतिशत ही दर्ज की गयी थी। इस खबर के सामने आने के बाद दोबारा दुनिया का चीनी वैक्सीन पर से विश्वास उठ गया है। हालांकि, ब्राज़ील में अपनी विफलता के लिए चीनी अखबार Global Times ने जो बहाना बनाया, वो उसकी वैक्सीन की घटिया efficacy से भी ज़्यादा खतरनाक था।

Global Times ने लिखा कि चूंकि ब्राज़ील के ट्रायल में सभी भागीदार High-risk category से थे, तो ऐसे मामले में भी 50 प्रतिशत efficacy आना कोई बुरी बात नहीं है। Global Times के मुताबिक “हल्के-फुल्के संक्रमण के मामले में चीनी वैक्सीन की Efficacy 78 प्रतिशत तक पहुँच जाती है, जो कि इसे बेहद सफल वैक्सीन बनाती है। इस वैक्सीन को लेने के बाद करीब 78 प्रतिशत लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी।” हालांकि, ऐसे में उन बाकी बचे 22 प्रतिशत लोगों के साथ क्या होगा, चीनी अखबार यह बताने में पूरी तरह अक्षम साबित रहा।

चीनी सरकार दुनियाभर में वैक्सीन डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाने के लिए आनन-फानन में अपनी वैक्सीन को मंजूरी दे चुकी है। हालांकि, इसके साथ ही चीनी सरकार ने सुनियोजित तरीके से यह सुनिश्चित किया है कि बाद में अगर side effects के कारण किसी व्यक्ति को कोई क्षति पहुँचती है, तो इसके लिए चीनी Vaccine निर्माताओं को कोई नुकसान ना झेलना पड़े! चीनी सरकार वैक्सीन के manual में सभी side effects को अंकित कर रही है, और इसके बाद चीनी लोगों को अपने रिस्क पर Vaccine लगवाने के लिए ही कहा जा रहा है।

इससे पहले नवंबर में किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई थी कि चीन के करीब 90 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स चीनी वैक्सीन को लेकर उत्साहित नहीं हैं। इस सर्वेक्षण के अनुसार शंघाई के एक स्थानीय अस्पताल में केवल 10 प्रतिशत श्रमिकों ने COVID -19 के लिए किसी चीनी Vaccine से टीकाकरण करवाने की इच्छा व्यक्त की थी। शेष 90 प्रतिशत ने किसी भी चीनी Vaccine को अक्षम और घोटालेबाज वैक्सीन उद्योग पर विश्वास की कमी के कारण नकार दिया था।

घरेलू बाज़ार में पैदा होने वाले विवाद को तो चीन फिर भी काबू में कर लेगा, लेकिन चीन की घटिया वैक्सीन के कारण अगर दुनिया के किसी अन्य देश में कोई मानवीय संकट पैदा होता है, तो उसके लिए चीनी सरकार और चीनी वैक्सीन निर्माताओं को ही कटघरे में खड़ा किया जाएगा! यही कारण हो सकता है कि अब Sinopharm कंपनी के डायरेक्टर और चेयरमैन ने अपने-अपने पद से इस्तीफ़ा देने का मन बनाया है। वे नहीं चाहते कि भविष्य में चीनी वैक्सीन के कारण पैदा होने वाले किसी भी विवाद के लिए उनपर निशाना लगाया जाये!

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