ममता के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने कोरोना वैक्सीन लेकर जा रही गाड़ी को NH पर रोका!

बंगाल में वैक्सीन से क्यों परेशान हैं TMC

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ दिनों पहले ऐलान किया था कि वो राज्य में प्रत्येक नागरिक को कोरोनावायरस की फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराएंगी, यद्यपि भारत सरकार द्वारा ही उन्हें वैक्सीन मुफ्त में ही मिलेगी, लेकिन दीदी जो न बोले वो कम है। वहीं सवाल ये है कि जब उनके मंत्री कोरोना की वैक्सीन को बंगाल के चिकित्सीय कार्यालयों में ही जाने नहीं देंगे तो वैक्सीन कैसे लगेगी?

कृषि कानूनों के विरोध की बहानेबाजी में नेशनल हाईवे का मार्ग अवरुद्ध कर बैठे ममता दीदी के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने वैक्सीन की वैन को ही बीच रास्ते में रोक दिया जिसके बाद रूट डायवर्जन करना पड़ा; वरना सरकार को महत्वपूर्ण आर्थिक और जरूरी वैक्सीन का नुकसान हो जाता। इसके इतर ममता के मंत्री को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वो तो अपनी राजनीति की दुकान खोलकर बैठी हैं।

किसानों के आंदोलन में अपनी सहभागिता दिखाने के लिए पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने दिल्ली-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग वर्धमान के पास का रास्ता बंद कर दिया, जिसके चलते वैक्सीन ले जाने वाली इंसुलेटेड वैन का मार्ग बदलना पड़ा। अधिकारियों ने बताया, “कोलकाता में राज्य सरकार के वैक्सीन स्टोर से निकलने के बाद पूर्व वर्धमान के जिला स्वास्थ्य कार्यालय में 31,500 वैक्सीन की खुराकों की पूर्ति कराई गई। इसके बाद वैक्सीन को बांकुड़ा और पुरुलिया में पहुंचाया जा रहा था लेकिन उससे पहले ही उसे रोक दिया गया।”

इस पूरे प्रकरण के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी के चुनाव प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्री सिद्दीकुल्लाह और ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है और गंभीर सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा, “मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने अपने राजनीतिक पाखंड के चलते आज कोरोनावायरस की वैक्सीन का भी रास्ता रोक दिया। इस कारण वैक्सीन ले जा रहे वाहन को अन्य रास्ते से भेजा गया। ये बहुमूल्य वैक्सीन किसी दुर्घटना में या फिर किसी अन्य कारण से ख़राब हो जाती, तो इसका जिम्मेदार कौन होता?”

हालांकि कि इस मामले में ममता दीदी के मंत्री की तरफ से कहा गया कि उन्हें नहीं पता था कि उस वैन में वैक्सीन है। जब पता चला तो रास्ता ख़ाली किया जा चुका था, लेकिन फिर रूट डायवर्ट करने की खबर आ गई। ये बेहद अजीब बात है कि जब पूरे देश में 16 जनवरी से वैक्सिनेशन का युद्ध स्तर पर काम शुरू होना है और देश के सभी इलाकों में हवाई, ट्रेन और सड़क मार्गों से वैक्सीन पहुंचाई जा रही है तो ममता दीदी के रसूख दार मंत्री को कोई खबर ही नहीं हैं।

ममता बनर्जी के मंत्री जितने मासूम बनने की कोशिश कर रहे हैं असल में वो उतने ही शातिर खिलाड़ी हैं। उनके इस आंदोलन से वहां के स्थानीय लोगों को भी समस्याएं ही हो रही हैं। उसी का उदाहरण अब इस वाक्ये में भी सामने आया है, जो कि शर्मनाक है।

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