खालसा ऐड की सच्चाई क्या है? किसान आंदोलन में सामने आई कथित NGO पर दर्ज है केस

किसान आंदोलन में सेवा या साजिश?

अधिकतर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ऐसे हैं जो सामाजिक कार्यों के नाम पर अराजकता का माहौल पैदा करते हैं। खालसा ऐड इंटरनेशनल पर इल्जाम है कि वह भी ऐसा ही एक NGO है जो किसानों की मदद के नाम पर अलगाववाद की आग भड़का रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर उन्हें सुविधाएं मुहैया करा रहा है, लेकिन इस संस्था का संबंध खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से भी है।

ये अब जग जाहिर है कि दिल्ली में जारी किसानों का आंदोलन कुछ खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हाईजैक किया जा चुका है क्योंकि वहां आए दिन कोई-न-कोई समूह खालिस्तान की मांग उठा देता है, इसीलिए इस मामले में ईडी समेत सीबीआई भी जांच कर रही है। इन सबसे इतर इन किसानों को फुट मसाज से लेकर आंदोलन में पूरे एशो-आराम मिल रहे हैं तो सवाल ये उठता है कि ये सब कहां से आ रहा है।

इसको लेकर खालसा ऐड इंटरनेशनल का नाम सामने आता है जो किसी भी आंदोलन में लोगों की मदद करने पहुंच जाता है। दिल्ली के शाहीनबाग वाली नौटंकी में भी कुछ खालसा ऐड के लोग शामिल थे।
सामाजिक कार्यों का चोला ओढ़कर खालसा एड जितना साफ-सुथरा संगठन दिखने की कोशिश कर रहा है, असल में वो उतना है नहीं क्योंकि इसके तार आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हुए है।

बब्बर खालसा इंटरनेशनल लगातार भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है जिसे पाकिस्तान से भी समर्थन प्राप्त है।बीकेएल पर एनआईए का एक ऐसा ही केस यूनाइटेड किंगडम में लंबित है, जिसमें आरोप है कि, BKL के सहयोगी संगठनों के नाम भी शामिल हैं। इन संगठनों में खालसा ऐड का नाम भी प्रमुख है जो जाहिर करता है कि एनआईए की चार्जशीट में इस संस्था के नाम होने से साफ है कि ये किस तरह के बेहूदा सामाजिक कार्यों में संलग्न है। एनआईए ने साफ आरोप लगाया है कि ये सभी संगठन भारत में आपराधिक और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के साथ ही अलगाववाद को भड़काते हैं।

खालसा ऐड ने एनआईए की चार्जशीट में बब्बर खालसा के साथ अपना नाम जुड़ने पर एक नया ही रास्ता चुन लिया और अपने संगठन का नाम ही बदल दिया। इसके चलते इस अलगाववादी संगठन ने अपना नाम खालसा एड इंटरनेशनल कर लिया है जिससे एनआईए की चार्जशीट से खुद को सलीके से अलग किया जा सके। इस संस्था ने कड़िया तो तोड़ दीं लेकिन पीछे से सारा खेल पहरे जैसा ही चल रहा है। इसीलिए जब कड़िया पुनः जुड़ती है तो असलियत सामने आ ही जाती है।

नाम बदलकर ये संगठन भारत में अलगाववाद फैला रहा है। कई लोगों द्वारा यह भी प्रचारित किया गया है कि खालसा एड इंटरनेशनल युद्धग्रस्त सीरिया में मानवीय कार्य कर रहा है। हालांकि, संगठन ने खुद स्वीकार किया कि सीरिया में इसका कोई संचालन नहीं है। इसके अतिरिक्त खालसा केरल की बाढ़ में सहायता का दावा करता हैऔर बांग्लादेश में भी लोगों की मदद कर रहा है।

जबकि संगठन के वित्तीय विवरण में ऐसी जगहों पर किसी भी धर्मार्थ कार्य का कोई उल्लेख नहीं है। खालसा ऐड इंटरनेशनल के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि सिंह एक विलेय खालिस्तानी समर्थक है और एक जरनैल सिंह भिंडरावाले समर्थन में बयान देते रहे हैं। ऐसे में इस अलगाववादी संगठन का नाम एनआईए के केस में शामिल होने के बावजूद उनका यहां नाम बदलकर काम करना गैरकानूनी ही है जिसकी जांच आवश्यक है।

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