किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की बातचीत जारी, कानून वापसी पर नहीं बनी सहमति

किसानों और सरकार के बीच 8वें दौर की बातचीत जारी

कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच आठवें दौर की वार्ता शुक्रवार को शुरू हुई। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता कर रहे हैं।

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ें किसान संगठनों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की बातचीत की जा रही है। अभी तक की जानकारी के अनुसार, बैठक में सरकार और किसानों के बीच कानून वापसी को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत का ये आठवां दौर दोपहर 2.45 बजे से विज्ञान भवन में शुरू हुआ। हालांकि इससे पहले सात दौर की बातचीत में कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। फिर भी दोनों पक्षों को उम्मीद है कि बातचीत से कोई समाधान निकल आएगा। इस मामले में सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि किसान इस बात पर अड़े हैं कि बात तभी बनेगी जब कृषि कानून वापस लिए जाएंगे, वहीं केंद्र सरकार भी अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है। इससे पहले 4 जनवरी को सातवें दौरा की और 30 दिसंबर को छठे दौर की बातचीत हुई थी।

किसानों ने कल निकाली थी ट्रैक्टर रैली

इससे पहले कल संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से हरियाणा के पलवल तक किसानों की ओर से ट्रैक्टर रैली निकाली गयी। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में यह रैली निकाली गयी। टिकैत दोपहर 12 बजे के करीब खुद नीले रंग के ट्रैक्टर पर सवार होकर ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए। यह ट्रैक्टर रैली इस्टर्न पेरीफेरल रोड पर गाजियाबाद के दुहाई, डासना, व गौतमबुद्ध नगर के बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल तक निकाली गई। 

कई जनपद के सैकड़ों किसान शामिल हुए
गौरतलब है कि इस रैली में शामिल होने के लिए गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा, मुजफ्फरनगर, बागपत समेत कई जनपदों के सैकड़ों किसान अपने ट्रैक्टर लेकर पहुंचे। किसानों ने हरियाणा के जींद, सोनीपत एवं फरीदाबाद समेत अन्य स्थानों पर भी केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाली । जींद में किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च किया तो उचाना में किसानों ने राष्ट्रीय, राज्य एवं लिंक मार्गों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला। 

हक की लड़ाई के लिए बॉर्डर पर डटे रहेंगे-किसान
किसानों ने कहा कि सरकार की मंशा थी कि लंबा आंदोलन चलेगा तो यह कामयाब नहीं होगा लेकिन किसान मन बने चुके हैं कि चाहे आंदोलन एक साल तक चले वे अपने हक की लड़ाई के लिए दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहेंगे। दूसरी ओर कुंडली सीमा पर डटे किसानों ने भी जीटी रोड एवं अन्य मार्गों पर पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर रैली निकाल कर सरकार को अपना दम दिखाया। फरीदाबाद में भी किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली और पलवल की ओर कूच किया ।


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