बयान दे रहा फ्रांस और उबल रहा भारत ?? चीन के खिलाफ ऐन मौके पर राफेल देना बुरा तो नहीं लग गया कुछ लोगो को ?
फ्रांस ने अपने खिलाफ मुस्लिम देशों में हो रही विरोध प्रदर्शन के विरुद्ध कमर कसी।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शन जारी है, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि फ्रांस इस विरोध से दबने वाला नहीं है , उन्होंने ये बाते नीस के नेत्रेदाम चर्च के पास कहीं, ये वही चर्च है जहां एक आतंकवादी ने दो महिलाओं सहित तीन लोगों को चाकू से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था और छह अन्य लोगों को घायल कर दिया था।
मैक्रों ने कहा कि सभी धर्मिक जगहों की सुरक्षा दुगनी की जाएगी, पूरा फ्रांस कैथोलिक लोगों के साथ है ताकि वो अपने धर्म का पालन पूरी आजादी के साथ कर सकें। और हर धर्म का पालन हो सके। उन्होंने साफ किया कि फ्रांस को हमले का निशाना बनाया जा रहा है लेकिन फ्रांस इससे डरने वाला नहीं है।
वही फ्रांस के प्रधानमंत्री कस्त्तेक्स ने कहा कि शिक्षक सामुएल पाती पर हमला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला था और नीस में हुआ हमला धर्मपालन की स्वतंत्रता पर हुआ हमला है। फ्रांस में दो महीने में ये तीसरी आतंकवादी हमला है जिसमें निर्दोष लोगों पर चाकू से हमला किया गया, सितंबर में पाकिस्तानी शरणार्थी ने पेरिस में चाकू से हमला कर दो लोगों को घायल कर दिया था।
16 अक्टूबर को शिक्षक सामुएल पाती का सिर काटने वाला भी शरणार्थी ही था जो रूस के चेचन्या से आया था। नीस का आतंकी भी ट्यूनीशिया से आया हुआ शरणार्थी बताया जा रहा है। बृहस्पतिवार को फ्रांस के अविनों में भी ऐसी एक दुर्घटना होने से टल गई , समय रहते पुलिस ने हथियारबंद शख्स को गोलियों का शिकार बना दिया। लियो में भी एक शख्स को चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया।
खबर ये भी है की सऊदी अरब में फ्रांस के वाणिज्य दूतावास के बाहर सुरक्षा कर्मी पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया। फ्रांस के लोग दो तरफा मार झेल रहे हैं , फ्रांस में कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के कारण बृहस्पतिवार को एक बार फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। कुछ साल पहले यूरोप के देशों में मुस्लिम देशों से आए हुए शरणार्थियों का स्वागत किया जाता था लेकिन अब वहां के लोग उन से पीछा छुड़ाना चाहते हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान को लेकर कई मुस्लिम देशों में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं बांग्लादेश में भी मुस्लिमो ने फ्रांस के राष्ट्रपति के धर्मनिरपेक्ष कानून के समर्थन के बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस कानून में कहा गया है कि पैगम्बर का कार्टून बनाना अभिव्यक्ति की आजादी है। वही आश्चर्य इस बात का है कि भारत में भी कई जगहों पर इस को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
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