दिल्ली में कोरोना से हर 10 मिनट में एक मौत, कब्रिस्तान भरे पड़े हैं, शाम और रात में भी जलाई जा रही चिताएँ: हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी के चलते हालात एक बार फिर अनियंत्रित हो चुके हैं। महामारी की अनियंत्रित स्थिति पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिंता जाहिर की है और दिल्ली सरकार को जम कर फटकार लगाई है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार (19 नवंबर 2020) को कोरोना महामारी के मुद्दे पर चिंता जताते हुए कई अहम बातें कही।
न्यायालय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने वैवाहिक समारोहों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित करने के लिए 18 दिन का इंतज़ार क्यों किया। इसके अलावा न्यायालय ने यह भी पूछा कि कब्रिस्तानों में जगह नहीं है, लाशें शाम और रात के वक्त भी जलाई जा रही हैं, क्या आपको इस बात की ख़बर है?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी सरकार के लापरवाही भरे रवैये पर टिप्पणी करते हुए कहा, “आप लोग (दिल्ली सरकार) गहरी नींद में थे और आपको झकझोर कर नींद से उठाना पड़ा। जब हम आपको झकझोरते हैं तब आप कछुए की चाल चलने लगते हैं।” दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए न्यायालय की तरफ से यह टिप्पणी तब आई है जब पिछले सिर्फ एक दिन के भीतर कोरोना की वजह से दिल्ली में लगभग 131 मौतें हुई।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे विस्तार से टिप्पणी करते हुए कहा, “हमें क्यों 11 नवंबर को आपको (दिल्ली सरकार) गहरी नींद से जगाना पड़ा? आपने 1 नवंबर से 11 नवंबर के बीच क्या किया? आपने कोई भी निर्णय लेने के लिए 18 दिन का (18 नवंबर तक) इंतज़ार क्यों किया? क्या आपको अंदाज़ा भी है कि इस दौरान कितने लोगों की जानें गई? क्या मरने वालों से जुड़े लोगों को जवाब दे सकते हैं या उन्हें कुछ भी समझा सकते हैं?”
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कोरोना महामारी के बढ़ते वालों को लेकर जो जानकारी न्यायालय में साझा की थी। वह जानकारी आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्रियों द्वारा प्रेस वार्ताओं में साझा की गई जानकारी से बिलकुल अलग है। इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली में कोरोना महामारी की वजह से हर 10 मिनट में एक मौत हो रही है या हर घंटे में 5 मौतें हो रही हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि मास्क नहीं पहनने पर लगाया जाने वाला जुर्माना और सामाजिक दूरी नहीं बनाना, यह दो बातें भी प्रभावी सिद्ध नहीं हो रही हैं।
इसके अलावा दिल्ली उच्च न्यायालय ने कब्रिस्तान के भयावह हालातों पर भी टिप्पणी की। न्यायालय ने कहा, “कब्रिस्तान भरे पड़े हैं, शाम और रात के वक्त भी चिताएँ जलाई जा रही हैं। क्या आपको इस बात की भनक भी है?” इसके बाद न्यायालय ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को सख्ती से निर्देश दिया कि वह अंतिम संस्कार वाली जगहों पर उचित सुविधाएँ उपलब्ध कराए। इसके अलावा भी न्यायालय ने दिल्ली की सरकार को तमाम अहम कदम उठाने को लेकर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 26 नवंबर को होगी।
इसके पहले भी दिल्ली उच्च न्यायालय ठीक इसी मुद्दे पर केजरीवाल सरकार को लताड़ लगा चुकी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार (नवंबर 11, 2020) को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। न्यायालय ने राजधानी में बढ़ रहे कोरोना मामले पर AAP सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि क्या इस स्थिति से निपटने के लिए उनके पास कोई नीति या रणनीति है? जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि पिछले 2 सप्ताह में कोरोना के मामले में दिल्ली ने महाराष्ट्र और केरल को भी पीछे छोड़ दिया है। ऐसे में AAP सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
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