विदेश यात्रा के शौकीन राहुल गांधी इस मानसून सत्र के दौरान संसद से गायब थे। गायब रहने के रिकार्ड बना रहे राहुल अब दिखे हैं तो रेप के बाद उस पर शर्मनाक राजनीति करने के लिए। हाथरस रेप कांड के बाद वो अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ हाथरस जाने के लिए निकले और वहां उन्होंने जो राजनीतिक बिसात बिछाने की कोशिश की उसे यूपी पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में ही नाकाम कर दिया और इसके चलते राहुल ने जो बवाल मचाया है वो बताता है कि कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल और राहुल जैसे नेता खून और लाशों पर राजनीति करने में महिर है।
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका समेत लगभग 200 कार्यकताओं के लाव-लश्कर के साथ हाथरस जाने के लिए निकल पड़े। वो भी तब जब पूरे देश में महामारी कानून लागू है और कहीं भी 20 लोगों से ज्यादा को इकट्ठे होने की अनुमति नहीं है, लेकिन राहुल एक 20 वर्षीय युवती के रेप और उसकी हत्या के बाद अपना राजनीतिक एजेंडा चलाने के लिए जाना चाहते थे। हालांकि, वो जा नहीं सके, उन्हें यूपी पुलिस ने ग्रेटर नोएडा से ही हिरासत में ले लिया जिसके बाद यूपी पुलिस ने उनके और प्रियंका के खिलाफ महामारी अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करने के कारण एफआईआर दर्ज की। यही नहीं रेला लेकर निकले राहुल अनिभिज्ञता दिखाते हुए पुलिस पर ही बरस पड़े और बोले, “मुझे क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है आखिर मेरा जुर्म क्या है किस आधार पर गिरफ्तारी हो रही है।” ये दिखाता है कि वो चाहें तो एक्टिंग में भी हाथ आजमा सकते हैं।
राहुल पिछले 6 महीनों में ट्विटर समेत सोशल मीडिया और यू-ट्यूब के वीडियो के अलावा कही भी नहीं दिखे हैं। जमीनी स्तर पर जाकर काम करना तो दूर राहुल अपने घर से भी बाहर नहीं निकले। संसद के मानसून सत्र में भी उनकी अनुपस्थिति का आलम ऐसा ही था जबकि वहां वो जनहित के मुद्दों को उठाकर सरकार को घेर सकते थे, लेकिन उनकी अपरिपक्वता का तो कोई जवाब ही नहीं है। किसी भी बिल या कानून पर समर्थन हो या विरोधी सवाल-जवाब… राहुल सबसे नदारद थे जिससे उनकी विश्वसनीयता हमेशा ही सवालों के घेरे में ही रही। सारे बिल पास हो गए राहुल गायब थे और निकले भी तो तब जब उन्हें हाथरस रेप कांड की खबर लगी और लाशों पर राजनीति करने की प्रवृत्ति के कारण वो चहक उठे।
गौरतलब है कि जब राजस्थान में बलात्कार जैसे जघन्यतम अपराध होते हैं तो राहुल समेत पूरी कांग्रेस चुप्पी साध लेती है, लेकिन जब किसी गैर कांग्रेस शासित सरकार की देखरेख में कोई भी जुर्म होता है तो ये लोग राजनीति चमकाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं।
बलरामपुर में भी एक युवती का बलात्कार हुआ परन्तु राहुल गांधी ने इस मामले में न्याय की मांग नहीं कि शायद ये उनके ऐजेंडे को फ्लॉप कर देता लेकिन हाथरस के मामले में राजनीति कर उन्होंने दिखा दिया कि राजनेताओं की मौतों पर राजनीति करने वाली गिद्ध की प्रवृत्ति अभी गई नहीं है शायद कभी जाएगी भी नहीं।
राहुल गांधी इस मसले के जरिए केवल मीडिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते थे और उसमें में वो कामयाब रहे। पुलिस के साथ झड़प के दौरान उनके गिरने और फैलने के अलग-अलग पोज वाले फ़ोटो और वीडियो मीडिया ने खूब चलाए जा रहे। पहले उन्होंने कानून के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाईं और फिर पीड़ित बनने का सियासी ढोंग करने लगे। इस दौरान उन्होंने अपने एक ट्वीट में महात्मा गांधी की 151वीं जन्मजयंती पर लिखा…
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”>‘मैं दुनिया में किसी से नहीं डरूंगा… मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं, मैं असत्य को सत्य से जीतूं और असत्य का विरोध करते हुए मैं सभी कष्टों को सह सकूं।’ <br><br>गाँधी जयंती की शुभकामनाएँ।<a href=”https://twitter.com/hashtag/GandhiJayanti?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#GandhiJayanti</a></p>— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) <a href=”https://twitter.com/RahulGandhi/status/1311842036253773824?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 2, 2020</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
उनके कार्यों के अनुसार उनका ये ट्वीट बताता है कि राहुल अपना राजनीतिक भविष्य बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
हाथरस रेपकांड में आरोपी पर लगे आरोप काफी गंभीर है जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, लेकिन पीड़िता के परिजनों के बयान विरोधाभासी हैं। ऐसे में इसमें कुछ भी बोलना अभी उचित न होगा। इसके बावजूद राहुल गांधी जैसे नेताओं को कौन समझाए कि जाति धर्म का एंगल लेकर अपना राजनीतिक स्कोर बढ़ाने के लिए वो जो अभद्र खेल खेल रहे हैं उसमें उनका तो नुकसान ही है क्योंकि जनता इन सब मुद्दों पर खुलकर बोलने लगी है बल्कि समाज में दरार डालने के कारण उनकी और आलोचना होगी। लेकिन मौतों पर राजनीति करने वाले ये सियासी गिद्ध अपनी प्रवृत्ति को त्यागना नहीं चाहते, क्योंकि इनकी राजनीति ही जाति, धर्म समुदाय के आधार पर चलती है।
Comments
Post a Comment