मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर उसकी भूमि वापस की मांग वाली याचिका स्वीकार कर लिया है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा की जिला कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर उसकी भूमि वापस जन्मस्थान न्यास को सौंपे जाने को लेकर दायर की गई अपील को आज शुक्रवार को स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 नवंबर को तय की है.
इस मामले पर बीते 12 अक्टूबर को कोर्ट में अपील पर करीब दो घंटे बहस हुई थी. इसके बाद जिला न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर ने आगामी 16 अक्टूबर को अपील पर सुनवाई करने या नहीं करने का फैसला लेने का दिन तय किया था . Also Read - हाथरस पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के लिए CRPF की मांग, SC ने कहा- इसे हाईकोर्ट को डील करने दें
लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य लोगों ने सोमवार को जिला न्यायाधीश साधना ठाकुर की अदालत में यह याचिका सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता हरीशंकर जैन और विष्णु जैन के माध्यम से दाखिल की थी. इस पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया.
अधिवक्ता जैन ने बताया, ”जब हम लोगों ने इस संबंध में एक याचिका मथुरा के ही दिवानी न्यायाधी (प्रवर वर्ग) की अदालत में 25 सितंबर को दाखिल की तो वहां प्रभारी दिवानी न्यायाधीश (अपर जिला एवं त्वरित न्यायालय संख्या दो) ने 30 सितंबर को दिए फैसले में इस तर्क के साथ याचिका खारिज कर दी कि याची न तो उक्त ट्रस्ट का सदस्य है और न ही मामले में किसी पक्ष से संबंधित है.”
अधिवक्ता ने बताया कि उसके विरुद्ध याचिकाकर्ताओं ने अपील की जिस पर फैसला देते हुए जिला न्यायाधीश ने उनकी याचिका मंजूर कर ली और अगली सुनवाई के लिए 18 नवंबर की तिथि भी सुनिश्चित कर दी.
बता दें कि पिछले माह 25 सितंबर को लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना वाजपेयी एवं अन्य आधा दर्जन व्यक्तियों ने खुद को भगवान भक्त बताते हुए विराजमान श्रीकृष्ण भगवान एवं स्थान श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर से सिविल जज (प्रवर वर्ग) की अदालत में एक याचिका दाखिल की थी.
याचिका में मुख्यत: श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही ईदगाह प्रबंधन समिति के बीच 1969 में हुए समझौते को अवैधानिक बताते हुए उसे निरस्त कर इस जमीन को वास्तविक मालिक श्रीकृष्ण जन्मस्थान को सौंपे जाने का अनरोध किया गया था.
इस याचिका को सुनवाई के लिए अनुपयुक्त बताते सिविल जज (प्रवर वर्ग) न्यायालय की प्रभारी एवं अपर जिला जज व त्वरित न्यायालय (संख्या दो) छाया शर्मा ने 30 सितंबर को खारिज कर दिया था. इसके बाद वादी पक्ष के अधिवक्ता हरिशकर जैन व विष्णु शंकर जैन ने जिला न्यायालय में अपील करने का फैसला लिया और सोमवार को जिला न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर की अदालत में अपील प्रस्तुत की थी.
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