भारत-ताइवान नजदीक आ रहे हैं- 2020 की सबसे शानदार घटना!
आखिर वही हुआ, जिसका सभी को अंदेशा था और चीन को भय। ताइवान का 109वां राष्ट्रीय दिवस धूमधाम से मना और इस बार भी भारत भी अनाधिकारिक तौर पर ही सही, पर इस खुशी के अवसर में सम्मिलित अवश्य हुआ। ऐसी कई बातें सामने आई है, जो यह सिद्ध करती है कि भारत और ताइवान का रिश्ता काफी गहरा है।
अनाधिकारिक तौर पर भारत और ताइवान में धीरे-धीरे घनिष्ठता बढ़ रही है। जिस प्रकार से भारत और ताइवान के सम्बन्धों में घनिष्ठता बढ़ रही है, उसी का प्रमाण अभी हाल ही में देखने को मिला, जब चीन की निरंतर धमकियों के बावजूद भारत ने उसके ‘वन चाइना नीति’ को कोई भाव नहीं दिया, और अप्रत्यक्ष रूप से इस नीति की धज्जियाँ भी उड़ाई।
अपने राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर चीन के उपराष्ट्रपति ने भारत से अपने संबंध बढ़ाने के विषय पर ट्वीट किया, “हमें गर्व है कि हमारा ध्वज दुनिया भर में सम्मान से उड़ रहा है। हम उन देशों का अभिवादन करते हैं, जिन्होंने हमारे ध्वज का सम्मान किया, विशेषकर अपने भारतीय मित्रों का, नमस्ते! #TaiwanNationalDay #JaiHind #MilkTeaAlliance” –
ताइवान के नेता यूं ही नहीं भारत का समर्थन कर रहे हैं। भारत ने भले ही प्रत्यक्ष तौर पर ताइवान के साथ कूटनीतिक संबंध न स्थापित किया हो, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष तौर से खाका भारत अभी से बुनने लगा है। शायद इसीलिए त्साई इंगवेन ने पीएम मोदी के जन्मदिवस पर उन्हे शुभकामनाएँ भेजी –
चीन द्वारा ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के संबंध में भारतीय मीडिया को धमकी देने पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीन की चुटकी लेते हुए कहा, “भारत में मुक्त मीडिया व्यवस्था है, जिसे जैसा रिपोर्ट करना हो, वो वैसा कर सकता है।”
लेकिन ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर चीन को भारत से एक और जोरदार झटका लगा। चाणक्यपुरी के दूतावास क्षेत्र हो, या फिर चीन का दूतावास हो, सभी जगह ताइवान के राष्ट्रीय दिवस की बधाइयाँ दिये जाने वाले पोस्टर्स लगे हुए थे। इनकी पहल भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली आधारित प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने की। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि चीन की धमकियों का भारत ने अप्रत्यक्ष रूप से जोरदार जवाब दिया है, और यह भी संदेश भेजा है कि ताइवान के साथ हर स्थिति में खड़े रहने के लिए तैयार है ।
राष्ट्रीय ताइवान दिवस जल्द ही भारत में एक प्रमुख ट्विटर ट्रेंड बन गया, और कई नागरिकों, राजनेताओं एवं भारतीय पत्रकारों ने ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर ताइवान को आधिकारिक तौर पर बधाइयाँ भी दी।
परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं है। अभी हाल ही में ताइवान एशिया एक्स्चेंज फाउंडेशन और भारत के नेशनल मैरिटाइम फाउंडेशन ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है, जिसके अंतर्गत ताइवान और भारत के बीच के सम्बन्धों को समुद्र के रास्ते बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा ।
सच कहें तो भारत धीरे-धीरे चीन के ‘वन चाइना प्रिंसिपल’ को मिट्टी में मिलाना चाहता है, और ये बात भारत के वर्तमान निर्णयों से स्पष्ट ज़ाहिर होता है। भारत की नीतियां चीन के लिए कितनी हानिकारक सिद्ध हो रही हैं, इसका अंदाज़ा आप ग्लोबल टाइम्स की बौखलाहट से ही लगा सकते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने अपने ट्वीट में भारत के कदम को आग से खेलने की संज्ञा देते हुए अप्रत्यक्ष तौर पर धमकाने का भी प्रयास किया है –
लेकिन अब भारत को चीन की गीदड़ भभकी से कोई फर्क नहीं पड़ता। अब धीरे-धीरे भारत और ताइवान के बीच की घनिष्ठता बढ़ती जा रही है, और चीन चाहकर भी इसे नहीं रोक सकता, मिटाना तो बहुत दूर की कौड़ी ठहरी।
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