LIVE: बाबरी विध्वंस केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी आरोपी बरी

बाबरी ढांचे के विध्वंस के 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया.
लखनऊ: बाबरी ढांचे के विध्वंस के 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. 

 

- बाबरी विध्वंस केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी आरोपी बरी.
- लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े.
- जज सुरेन्द्र यादव ने मौजूद आरोपियों पर जानकारी ली. जज फैसला पढ़ रहे हैं. किसी भी समय फैसला आ सकता है.
- 26 आरोपी कोर्ट रूम में मौजूद हैं. 

1. विनय कटियार
2. साक्षी महाराज
3. साध्वी ऋतंभरा
4. चंपत राय
5. रामविलास वेदान्ती
6. सतीश प्रधान
7. धर्मदास
8. पवन पाण्डेय
9. बृजभूषण सिंह
10. जयभगवान गोयल
11. ओमप्रकाश पाण्डेय
12. रामचंद्र खत्री
13. सुधीर कक्कड़
14. अमरनाथ गोयल
15. संतोष दुबे
16. लल्लू सिंह
17. कमलेश त्रिपाठी
18. विजय बहादुर सिंह
19. आचार्य धर्मेन्द्र
20. प्रकाश शर्मा
21. जयभान पवैया
22. धर्मेन्द्र सिंह
23. आरएन श्रीवास्तव
24. विनय कुमार
25. नवीन शुक्ला
26. गांधी यादव

ये 6 आरोपी स्वास्थ्य कारणों के चलते कोर्ट रूम में मौजूद नहीं है: 
1. लालकृष्ण आडवाणी
2. मुरली मनोहर जोशी
3. कल्याण सिंह
4. उमा भारती
5. महंत नृत्यगोपाल दास
6. सतीश प्रधान

- लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, महंत नृत्यगोपाल दास, सतीश प्रधान को छोड़कर सभी आरोपी 26 कोर्ट रूम में मौजूद हैं.
- लालकृष्ण आडवाणी के वकील महिपाल जी उनके आवास 30 पृथ्वीराज रोड पहुंचे.
- लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह कोर्ट नहीं पहुंचेंगे.
- राम विलास वेंदाती भी कोर्ट पहुंच गए हैं. बीजेपी सांसद लल्लू सिंह, पवन पाण्डेय भी कोर्ट पहुंचे. शिवसेना के पूर्व विधायक रह चुके हैं. साध्वी ऋतंभरा भी कोर्ट में मौजूद रहेंगी. 

CBI ने बाबरी विध्वंस को बताया था सुनियोजित साजिश
6 दिसंबर 1992 के दिन अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचा ढहा दिया गया था. बाबरी विध्वंस केस (Babari Demolition Case) में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, बाला साहेब ठाकरे, राम विलास वेदांती और उमा भारती समेत 49 आरोपी बनाए गए थे, इनमें से अब सिर्फ 32 आरोपी ही जीवित हैं. बाबरी विध्वंस केस के आरोपी डॉक्टर राम विसाल वेदांती कह चुके हैं कि इस केस में उन्हें उम्रक़ैद मिले या फांसी, ये उनका सौभाग्य होगा.

27 अगस्त 1993 से सीबीआई कर रही है जांच
बाबरी विध्वंस मामले की जांच 27 अगस्त 1993 को सीबीआई के हवाले कर दी गई थी. ये मामला 26 सालों तक लटकता रहा. लेकिन 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सो जाना सुनवाई के आदेश दिए थे, साथ ही कहा था कि जब तक ये मामला चलेगा, तबत क जज का ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकेगा.


बाबरी विध्वंस केस में 32 आरोपियों में पांच को सबसे अहम माना जाता है: 
लालकृष्ण आडवाणी: 1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने ही राम मंदिर आंदोलन को आगे बढ़ाया. मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सारथी बने थे. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक आडवाणी बाबरी विध्वंस के मुख्य आरोपी हैं.

मुरली मनोहर जोशी, नेता-बीजेपी : सीबीआई चार्जशीट के मुताबिक 6 दिसंबर को जोशी भी बाबरी ढांचे के पास मौजूद थे, और विध्वंस तक वहीं रुके रहे.

उमा भारती, नेता-बीजेपी : सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक उमा भारती पर भीड़ को उकसाने का आरोप है. लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में उमा दोषी बताई गई हैं.

कल्याण सिंह, तत्कालीन मुख्यमंत्री - उत्तर प्रदेश: आरोप है कि कल्याण सिंह ने बाबरी विध्वंस रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. इसे विध्वंस के लिए उकसावा माना गया.

विनय कटियार, नेता- बीजेपी : आरोप है कि विनय कटियार हजारों कारसेवकों को लेकर अयोध्या पहुंचे और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को बाबरी ढांचा
गिराने के लिए उकसाया.

बाबरी ढांचा विध्वंस केस में शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे भी आरोपी बनाए गए थे. बाला साहेब ने बाबरी ढांचा गिराए जाने के 2 साल बाद ZEE NEWS को इंटरव्यू दिया था. इंटरव्यू में बाला साहेब ने कहा था कि बाबरी ढांचा राम मंदिर बनाने के लिए गिराया गया था.

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