भारत ने चीन के Kra Canal प्रोजेक्ट का पासा पलट दिया है, अब भारत, USA और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर इसे बनाएगा
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चीन के लिए थाइलैंड से बुरी खबर आने का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा खबर यह है कि अब भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने मिलकर थाइलैंड के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट “क्रा कैनाल प्रोजेक्ट” का निर्माण करने का प्रस्ताव थाइलैंड सरकार के सामने रखा है। Quad के चार में से तीन सदस्यों का इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाना दर्शाता है कि भविष्य में इस अहम नहर के इस्तेमाल से भारतीय नेवी और Quad के अन्य देशों की सेनाएँ कम समय में हिन्द महासागर से दक्षिण चीन सागर में प्रवेश कर सकेंगी। हाल में TFIpost ने यह रिपोर्ट किया था कि थाइलैंड सरकार ने चीनी कंपनी के साथ मिलकर बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था। हालांकि, अब मौका भाँपते हुए भारत और साथी देशों ने इसी प्रोजेक्ट को चीन के खिलाफ हथियार बनाने का फैसला ले लिया है। इस प्रकार क्रा नहर के संबंध में भारत ने PLA के मंसूबों को विफल कर उसके लिए ही बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को थाइलैंड के एक संसदीय दल ने यह दावा किया कि कई देशों ने क्रा नहर को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। थाइलैंड के सांसद Songklod Thipparat ने यह दावा किया है कि भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया अब इस प्रोजेक्ट के लिए थाइलैंड सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। 1 सितंबर को ही TFIpost ने यह रिपोर्ट किया था कि लोगों के गुस्से और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण थाइलैंड सरकार ने चीनी कंपनी के साथ मिलकर बनाए जाने वाले क्रा नहर प्रोजेक्ट को रद्द कर हाईवे और रेलवे के जरिये हिन्द महासागर और पैसिफिक महासागर को जोड़ने का फैसला लिया था। हालांकि, इस प्रोजेक्ट से चीन के बाहर होने के बाद अब Quad सक्रिय होकर तुरंत थाइलैंड के पास पहुंच गया है।
क्रा नहर के जरिये चीन का इरादा था कि भारत के साथ विवाद के समय उसकी नेवी स्ट्रेट ऑफ़ मलक्का को Bypass करते हुए क्रा नहर के रास्ते कम समय में हिन्द महासागर में पहुंच जाएगी। क्रा नहर दक्षिण चीन सागर और हिन्द महासागर की दूरी को डेढ़ से दो दिन कम कर देती, जिसका फायदा PLA युद्ध के समय उठा सकती थी। हालांकि, थाइलैंड ने पर्यावरण को नुकसान होने का हवाला देकर इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया था, जिसके बाद अब भारत और साथी देश थाइलैंड के पास उसी तरह का प्रस्ताव लेकर पहुंचे हैं।
भारत न सिर्फ एक लोकतांत्रिक देश है बल्कि वह एक विश्वसनीय साझेदार भी है। भारत क्रा नहर प्रोजेक्ट को लेकर भविष्य में थाइलैंड पर कोई अनैतिक दबाव भी नहीं बनाएगा और ना ही क्रा प्रोजेक्ट को लेकर थाइलैंड पर अमेरिका और अन्य बड़े देशों का कोई दबाव होगा। अगर भारत के नेतृत्व में थाइलैंड में क्रा नहर का निर्माण किया जाता है तो इस बात की संभावना काफी ज़्यादा है कि भारत-चीन के युद्ध के समय Quad Superpowers इस नहर का इस्तेमाल करते हुए चीनी नौसेना पर आसानी से चढ़ाई कर सकेंगी। साथ ही इस प्रोजेक्ट में शामिल होकर थाइलैंड Quad देशों के साथ अच्छे संबंध स्थापित कर सकेगा, जिसका थाइलैंड की इकॉनोमी पर सकारात्मक असर पड़ेगा। कुल मिलाकर भारत ने बड़ी ही चतुराई से थाइलैंड से चीन के सफाये का प्लान बना लिया है और अब उसका नतीजा भी दिखना शुरू हो गया है।
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