“भारत को कमजोर करना है, तो मोदी को कमजोर करो”, तुर्की से लेकर चीन तक ने अब इसी रणनीति को अपना लिया है

देश विरोधियों का नया टार्गेट भारत नहीं, PM मोदी हैं

अक्सर यह देखा गया है देश की वामपंथी मीडिया के निशाने पर पीएम मोदी रहते हैं। उनकी कोई भी नीति या निर्णय की आलोचना और उसके खिलाफ प्रोपेगेंडा करना उनका प्रथम ध्येय होता है। परंतु रविवार को एक नया ट्रेंड देखने को मिला जब अंतराष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन बनाने के बाद पीएम मोदी को ऑनलाइन निशाना बनाया गया और उनके यूट्यूब पर वीडियो को भारी मात्रा में Dislike किया गया।

रविवार को पीएम मोदी ने यूट्यूब पर PMO, PIB और BJP चैनलों के जरीये “मन की बात” के नए अंक का प्रसारण किया। इस दौरान उनके वीडियो को likes से अधिक Dislike किया गया था। यह हैरानी की बात इसलिए थी क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। कई लोगों ने यह कहा कि NEET और JEE परीक्षा कराये जाने के फैसले के कारण छात्र पीएम मोदी के खिलाफ भड़के हुए हैं। परंतु अब IANS रिपोर्ट के अनुसार यह खुलासा हुआ है कि रविवार को मन की बात के लिए YouTube पर केवल दो प्रतिशत Dislikes भारत से थे, और उनमें से 98 प्रतिशत Dislikes विदेशों से आया था।

वहीं बीजेपी की आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए यही बताया कि, ‘‘ पिछले 24 घंटे में यूट्यूब पर मन की बात वीडियो को डिस्लाइक करने का संगठित प्रयास किया गया….कांग्रेस का विश्वास इतना कम है कि वह एक तरह से जीत के रूप में इसका जश्न मना रही है। हालांकि, यूट्यूब के डाटा बताते हैं कि डिस्लाइक का महज दो फीसद हिस्सा ही भारत से है।’’

Over the last 24hrs, there has been a concerted effort to dislike Mann Ki Baat video on YouTube... So low is the Congress on confidence that it has been celebrating it as some sort of conquest!
 
However, data from YouTube suggests that only 2% of those dislikes are from India...

Amit Malviya
@amitmalviya
The rest 98%, like always, came from outside India!
 
Bots and Twitter accounts from overseas have been consistent feature of the Congress’s anti JEE-NEET campaign. There is huge spike in activity by Rahul Gandhi’s favourite Turkish bots!

What is this Turkish obsession, Rahul?
5:33 अपराह्न · 31 अग॰ 2020

उन्होंने आगे लिखा कि, ‘‘हमेशा की तरह बाकी 98 फीसद हिस्सा भारत से बाहर का है। विदेश से बॉट्स और ट्विटर एकाउंट कांग्रेस के जेइई-नीट विरोधी अभियान का निरंतर हिस्सा रहे हैं। राहुल गांधी के तुर्की वाले बॉट्स की गतिविधि बहुत बढ़ गयी है। यह तुर्की आसक्ति क्या है, राहुल?’’

यह तो स्पष्ट हो चुका है कि यह ऑनलाइन कैम्पेन पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए चलाया गया था। इसमें पाकिस्तान और तुर्की से अकाउंट चलाने वालों के होने के संकेत मिले हैं।

ऐसे कई रिपोर्ट्स सामने आ चुके हैं कि तुर्की बड़े पैमाने पर भारत विरोधी गतिविधियों को वित्त पोषित कर रहा है, और पीएम मोदी और भाजपा को निशाना बनाने के लिए देश के बॉट और ट्विटर अकाउंट की सक्रियता कई गुना बढ़ गई है। ट्विटर पर तुर्की के कई अकाउंट NEET/JEE के परीक्षा का विरोध करते दिखाई दिये थे।

तुर्की कई सालों से कश्मीरी अलगाववादियों को फंडिंग कर रहा है। हाल ही में, उसने केरल में इस्लामीकरण करने के लिए फंडिंग भी शुरू कर दी है। तुर्की चरमपंथी उपदेशक जाकिर नाइक को फंडिंग करता रहा है, जो भारतीय अधिकारियों और मोदी सरकार के डर से मलेशिया में छिपा है।

वहीं पाकिस्तान की बात करें तो कई मौकों पर भारत से मात खाने के बाद अब पाकिस्तान ने ऑनलाइन प्रोपोगेंडा शुरू किया था। यह देश लगातार अब ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चला कर खुद को संतुष्ट कर रहा है। स्वाभाविक रूप से, ‘YouTube पर Dislike Modi अभियान में एक बड़ी भागीदारी पाकिस्तानियों की होगी।

पिछले साल, पीएम मोदी इनफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए तमिलनाडु गए थे तब ट्विटर पर #GoBackModi ट्रेंड होने लगा था। दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान में भी यही ट्रेंड कर रहा था। तब यह खुलासा हुआ कि ट्रेंड के 58 प्रतिशत ट्वीट पाकिस्तान से आ रहे थे।

पिछले हफ्ते चीन की ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी को लेकर एक सर्वे जारी किया था जिसमें कहा गया कि चीन के 50 प्रतिशत लोग मोदी को पसंद करते हैं। इससे चीन भी डर चुका है और भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को लगातार बढ़ावा दे रहा है। ये सभी देश जान चुके हैं कि भारत को सीधे सीधे नहीं हराया जा सकता। इसलिए मोदी को निशाना बना कर भारत के अंदर मोदी के खिलाफ हवा बनाने की कोशिश की जा रही है। ये सारी भारत विरोधी ताकतें भारत के कमज़ोर विपक्ष से अच्छी तरह वाकिफ हैं इसीलिए वो प्रोपेगैंडा बना रहे हैं ताकि लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काया जा सके।

पीएम मोदी जिस तरह से भारत का नेतृत्व कर रहे हैं और वैश्विक स्तर पर भारत का स्थान मजबूत कर रहे हैं उसे देखते हुए तुर्की से पाकिस्तान और चीन तक भारत विरोधी गुट एक जुट हो चुके हैं, जिन्हें भारत में रहने वाले मोदी विरोधियों से मदद मिलती है। पर अब इन सभी को यह समझ लेना चाहिए किभारत एक दशक पहले वाला भारत नहीं रहा और यह पलट कर जवाब देना जनता है।


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