भारत और यूएई के बीच बढ़ते घनिष्ठ संबंध से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। जब से पीएम मोदी ने शासन की बागडोर संभाली है, तब से यूएई और भारत के बीच के संबंध और प्रगाढ़ हुए है। अब बात यहाँ तक पहुंच चुकी है कि चीन के विरुद्ध भारत की लड़ाई में भी यूएई खुलकर भारत की मदद के लिए सामने आया है, और वह अपने एम्युनिशन के लिए भारत को जल्द ही अपना बेस भी बना सकता है।
IANS की रिपोर्ट के अनुसार यूएई में बसी आर्म्स एंड एम्युनिशन निर्माता कंपनी Caracal ने अभी घोषणा की है कि वह मेक इन इंडिया अभियान के अंतर्गत भारत में एक लाख से अधिक असॉल्ट राइफल्स का निर्माण करेगी। सूत्रों के अनुसार Caracal ने आवश्यक भूमि और सभी सुविधाओं का निरीक्षण कर लिया है, बस सभी स्वीकृति मिलते ही वह एक लाख CAR 816 असॉल्ट राइफल्स के निर्माण में जुट जाएगी।
परंतु बात यहीं पर नहीं रुकती। Caracal ने अपने बयान में आगे ये भी बताया, “CAR 816 राइफल्स से जुड़े 20 प्रतिशत सामग्री पहले से ही भारत में बनाई जा सकती है। अब CARACAL चाहता है कि अपने राइफल्स को वह पूरी तरह से भारत में निर्मित करे, जो मेक इन इंडिया अभियान का हिस्सा होगा। ये अभियान CARACAL के तकनीकी हस्तांतरण में भी सहायता करेगा”। बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की हथियार निर्माता कंपनी ”काराकल” ने 2018 में भारत के लिए असॉल्ट राइफलों और कार्बाइन बनाने लिए अनुबंध किया था, ताकि भारत को आवश्यकता में लगने वाले लगभग 3.6 लाख असॉल्ट राइफ़ल्स की मांग पूरी हो सके।
यूएई पहले से ही भारत के साथ आपसी सहयोग से आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस प्रकार से उसने भारत में Caracal के CAR 816 राइफल उत्पादन के लिए अपनी स्वीकृति दी है, वो अपने आप में दर्शाता है कि कैसे यूएई भारत की हरसंभव सहायता के लिए तैयार है। लेकिन यही एक कारण नहीं है, बल्कि कुछ और भी कारण है, जिसके लिए यूएई भारत की सहायता करना चाहता है।
दरअसल, यूएई एक नहीं, बल्कि दो दो ताकतों से भिड़ रहा है – तुर्की और चीन। जहां इस्लामिक जगत में तुर्की सऊदी अरब को अपदस्थ करना चाहता है, तो वहीं चीन पूरे विश्व, विशेषकर मिडिल ईस्ट पर कब्जा जमाना चाहता है, जो चीन के लिए किसी दुधारू गाय से कम नहीं है। लेकिन यूएई नहीं चाहता कि इन दोनों देशों का काला साया मिडिल ईस्ट पर तनिक भी पड़े, और वह ये भी भली भांति जानता है कि इन दोनों देशों से निपटने का बल इस समय केवल भारत में है।
इसके अलावा जितना खतरा तुर्की से यूएई और इज़रायल को है, उतना ही खतरा तुर्की से भारत को भी है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों का मानना है कि तुर्की पिछले कुछ समय से भारतीय मुसलमानों को भारत के विरुद्ध भड़काने में लगा हुआ है। हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत करते हुए एक वरिष्ठ सरकारी अफसर ने बताया, “पिछले कुछ समय से हमने पाया है कि तुर्की की सहायता से कट्टरपंथी मुस्लिम आतंकवाद को बढ़ावा देने हेतु भारतीय मुसलमानों को भड़काने में लगे हुए हैं।’’ ऐसे में ये पूर्णतया संभव है कि यूएई और भारत के बीच की साझेदारी केवल कूटनीति तक सीमित नहीं रहेगी।
अब चीन के विरुद्ध खुलेआम भारत की मदद करने का निर्णय लेकर यूएई ने ये सिद्ध कर दिया कि वह किसपर अधिक भरोसा करता है। भारत और यूएई के बीच की साझेदारी जिस प्रकार से नित नए आयाम छू रही है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं है कि आगे चलकर ये साझेदारी रक्षा के क्षेत्र में भी नए आयाम छूने को तैयार है।
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