पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर शुक्रवार को एक बार फिर गंभीर आरोप लगाए हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगता हुए राज्यपाल ने कहा है कि जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय पैनल सच्चाई पर पर्दा डालने के लिए है।
धनखड़ ने कहा कि पैनल में टॉप ब्यूरोक्रैट्स शामिल हैं, जिनकी साख कम है। उन्होंने कहा कि केवल स्वतंत्र जांच से यह पता लगाया जा सकता है कि पैसा कहां से कहां गया और किन्हें अनुचित लाभ मिला। पैनल की अगुआई गृह सचिव अल्पन बंधोपाध्याय कर रहे हैं।
धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करते हुए ट्वीट किया, 'महामारी खरीद में करोड़ों का घोटाला। पर्दा डालने वाली जांच-विश्वसनीयता की कमी। निर्णय लेने वाले दोष को छिपाने के लिए जांच कर रहे हैं। कार्योत्तर बचाव तंत्र! केवल स्वतंत्र जांच से ही दोष साबित होगा। यह पता लगाने की जरूरत है कि पैसा कहां गया और किन्हें अनुचित लाभ मिला।''
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने इस सप्ताह हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने पिछले कुछ महीनों में कई आइटम्स खरीदे हैं। उन्होंने कहा, ''2000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं। भ्रष्टाचार के आरोप इसी खरीद से संबंधित हैं।''
टीएमसी ने धनखड़ के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि उनके पास भ्रष्टाचार को लेकर सबूत हैं बयानबाजी के बजाय सरकार को सौंपें। टीएमसी के प्रवक्ता सौगत रॉय ने कहा, ''कोई नहीं जानता है कि राज्यपाल के हर दिन सार्वजनिक होने की प्रवृत्ति से कैसे निपटा जाए। वह जो आरोप लगा रहे हैं उन्हें क्या साबित कर सकते हैं? यदि उनके पास सबूत हैं तो उन्हें सार्वजनिक बयानबाजी के बजाय सरकार को उपलब्ध करानी चाहिए। उनके बयान पद की गरिमा को कम करते हैं।''
आमतौर पर चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की खरीद पश्चिम बंगाल मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से की जाती है। लेकिन सरकार ने महामारी के दौरान खरीद में देरी से बचने के लिए एक खरीद कमिटी का गठन किया था। कथित तौर पर कुछ सामानों की खरीद नियमों को दरकिनार कर खास एजेंसियों से की गई। उत्पादों की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के आदेश दिए हैं।
Comments
Post a Comment