लखनऊ/अयोध्या. अयोध्या में राम मंदिर
(Ram Mandir) का भूमि पूजन बुधवार
को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra
Modi) की अगुवाई में संपन्न हो गया. भूमि
पूजन के बाद अयोध्या सहित समूचे देश में
दीवाली सा माहौल रहा. हर जगह जश्न की
तस्वीरें सामने आईं. वैसे राम मंदिर निर्माण
और उसके आंदोलन से मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का
व्यक्तिगत रिश्ता रहा है. वह जिस गोरक्षपीठ
के महंत हैं, उसका राम मंदिर आंदोलन में
पीढ़ियों से योगदान रहा है. यही कारण है कि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अयोध्या
पहुंचकर गोरक्षपीठ को याद किया.
दरअसल, राम जन्मभूमि शिलान्यास से पहले
जैसे ही साकेत महाविद्यालय के हेलीपैड पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चॉपर से उतरे. यहां
उनके स्वागत में खड़े मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने उनकी अगवानी की. इस
दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि योगी जी आप
तो आज बेहद खुश हो रहे होंगे, क्योंकि
आपके गुरुजनों ने राम मंदिर निर्माण के लिए
काफी संघर्ष किया था. आपको बहुत-बहुत
बधाइयां.
गोरक्षपीठ ने 1934 से शुरू किया संघर्ष
बता दें कि राम मंदिर को लेकर संघर्ष की
गोरक्षपीठ के तीन पीढ़ियों की कहानी 1934
से शुरू हुई और भूमि पूजन की साक्षी बनी
है. चाहे राम जन्मभूमि पर भगवान राम के
प्रकटीकरण का मामला हो, जब गोरक्षपीठ
के तत्कालीन महंत दिग्विजय नाथ महाराज
मौजूद थे या फिर जब राम मंदिर का ताला
खोला गया. उस वक्त योगी आदित्यनाथ के
गुरु अवैद्यनाथ को रात में स्टेट प्लेन भेजकर
तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने
बुलवाया. उनके सामने राम जन्मभूमि का
ताला खोला गया. फिर प्रतीकात्मक
शिलान्यास की बात हो जब अवैद्यनाथ जो
योगी के गुरु थे, उन्होंने फावड़ा चलाकर
रामचंद्र परमहंस के साथ शुरूआत किया था.
फिर आज जब मंदिर निर्माण शुरू हो रहा है,
जब गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर योगी
आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.
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