जनसंख्या नियंत्रण औऱ सिविल कोड कानून नहीं बना, तो होगा संविधान खतरे में

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अब जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) जैसे कानून लागू करने के लिए लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं. इस मामले के याचिकाकर्ता बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने सरकार से आठ तरह के कानून इसी साल बनाने की मांग करते हुए कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर 2050 तक संविधान (Constitution) खतरे में होगा.

उन्होंने बेंगलुरु की हिंसक घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि कानून नहीं लागू हुआ तो फिर 2050 तक देश में शरिया कानूनों जैसे हालात होंगे.

आठ कानून लागू करने की रखी मांग
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने कहा, समान नागरिक संहिता, समान चिकित्सा, शिक्षा, जनसंख्या नियंत्रण, धर्मांतरण नियंत्रण, घुसपैठ, अलगाववाद, अंधविश्वास नियंत्रण, शराब नियंत्रण जैसे कानून बनाने की मांग वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं. गृहमंत्री अमित शाह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी पत्र भेजकर इन कानूनों को लागू करने की मांग की है. अगर ये कानून वर्ष 2020 में नहीं बने तो 2050 तक देश में संविधान की रक्षा करना मुश्किल होगा.

जनसंख्या नियंत्रण पर है 14 को सुनवाई
बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग वाली याचिका पर 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. अश्विनी उपाध्याय ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की वकालत करते हुए कहा, 'देश में करीब 25 करोड़ भारतीयों के पास आज भी आधार नहीं है. वहीं पिछले साल ही 125 करोड़ भारतीयों का आधार बन गया था. इस तरहे से देखें तो देश की आबादी डेढ़ सौ करोड़ हो चुकी है. दुनिया का सिर्फ दो प्रतिशत क्षेत्रफल भारत का है, पीने योग्य चार प्रतिशत पानी है, लेकिन दुनिया की 20 प्रतिशत जनसंख्या यहां है. भारत का क्षेत्रफल चीन अमेरिका की तुलना में लगभग एक तिहाई है. जनसंख्या विस्फोट ही देश में सभी समस्याओं की जड़ है। ऐसे में इसी साल जनसंख्या नियंत्रण कानून पास होना बेहद जरूरी है.'

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