शुरू हुआ कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति का आंदोलन, 80 संत-महामंडलेश्वर जुड़े, शुरू हुआ हस्ताक्षर अभियान

जिस स्थान पर मंदिर था, उस स्थान पर मंदिर ही रहेगा, इस्लामिक मजहबी उन्मादियों ने भले मंदिर को तोड़कर उसपर मस्जिद बना दी पर वो स्थान मंदिर का था, मंदिर का ही है और सिर्फ मंदिर का ही रहेगा 

आज कृष्ण जन्मभूमि पर इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा बनवाया गया मस्जिद है, आप मथुरा जाते है और जिस कृष्ण मंदिर के दर्शन अभी करते है असल में वो कृष्ण जन्मभूमि का मंदिर है ही नहीं 

आज के कृष्ण मंदिर के बगल में जो मस्जिद है, असल में कृष्ण जन्मभूमि वही है, उस स्थान पर कृष्ण मंदिर था जिसे मुगल आतंकवादियों ने तुड़वाकर मस्जिद बनवा दी 

इस मस्जिद का नाम शाही ईदगाह है, इस मस्जिद के स्थान पर कृष्ण मंदिर था जिसे मुग़ल आतंकवादी औरंगजेब ने 1670 में तुडवा दिया था 

भगवान् कृष्ण का जन्म जेल के अन्दर हुआ था, और वो जेल उस स्थान पर है जहाँ आज मस्जिद बनी हुई है, और अब इसी कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति का आन्दोलन शुरू हो चूका है 

14 राज्यों के 80 संत और महामंडलेश्वर जमा हुए है और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की स्थापना की गयी है, अब यही ट्रस्ट कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए आन्दोलन शुरू करेगी, आन्दोलन की शुरुवात हस्ताक्षर अभियान से शुरू होगा जिसके बाद इस आन्दोलन को देश भर में ले जाया जायेगा 

ट्रस्ट के प्रमुख आचार्य देवमुरारी बापू ने कहा, “हमने 23 जुलाई को ‘हरियाली तीज’ के अवसर पर पंजीकरण कराया और वृंदावन से 11 संत आए, जो ट्रस्ट का हिस्सा हैं।” 

आचार्य ने आगे कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की आजादी के लिए अन्य संतों और साधुओं को जोड़ने के लिए जल्द ही एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हस्ताक्षर अभियान के बाद, हम इस मुद्दे पर एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। हमने फरवरी में अभियान शुरू किया था, लेकिन हम लॉकडाउन के कारण आगे नहीं बढ़े।” ट्रस्ट में वृंदावन के 11 पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। 

इसके अलावा 14 राज्यों के 80 संत, महामंडलेश्वर को जोड़ा गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई है, जिसमें निर्णय लिया गया है कि ट्रस्ट में वृंदावन के संत और महंतों को जोड़ने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।

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