भारत के कदम ने अमेरिका केअधिकारीयों को भी हिला के रखदिया, भारत ने पूरी दुनिया को दिखादिया कि उसमें चीन के सामने खड़ेहोने की ताकत है

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद
(National Security Council) की
डायरेक्टर और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
(President Donald Trump) की डिप्टी
असिस्टेंट लीजा कर्टिस (Lisa Curtis)
भारत के दबंग अंदाज़ से बेहद हैरान हैं,
उन्होंने कहा भारत ने पूरी दुनिया को चौंका
दिया है, उन्होंने कहा भारत ने साबित किया
कि उसमें चीन (China) के सामने खड़े होने
की क्षमता और इच्छाशक्ति भी है. भारत ने
अड़ियल चीन के घमंड को चकनाचूर कर
दिया है और उसे घुटने पर ला दिया है,
अमेरिकी थिंक टैंक बुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के
दौरान कर्टिस ने कहा कि लद्दाख में एलएसी
पर चीन का हालिया आक्रामक रुख दुनिया
के अन्य हिस्सों में पीआरसी आक्रामकता के
बड़े पैटर्न के साथ फिट बैठता है.
नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर के तौर पर
उभरा भारत वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने
हिंद महासागर में उभरती शक्ति और नेट
सिक्योरिटी प्रोवाइडर के तौर पर भारत का
समर्थन भी किया है. वर्तमान में चल रहे
भारत-चीन विवाद पर कर्टिस ने कहा कि
भारत ने चीनी ऐप पर प्रतिबंध और चीनी
निवेश अनुबंधों पर रोक लगाकर इकोनॉमिक
कार्ड खेला. मुझे लगता है कि इंडो-पैसिफिक
क्षेत्र के बाकी लोग इसे बहुत ध्यान से देख रहे
कर्टिस का कहना है कि इस क्षेत्र को
भारत के संकल्प द्वारा प्रोत्साहित किया
जाएगा.
इंडो-पैसिफिक इलाके के दूसरे देशों को
मिली ताकत इससे पहले कर्टिस ने भारत
की तरफ से चीन के खिलाफ सख्त रवैये को
अपनाएं जाने को सराहा था. उन्होंने कहा
भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के
दौरान भारत ने जिस तेजी के साथ चीन को
जवाब दिया है, उसकी वजह से इंडो-
पैसिफिक इलाके के दूसरे देशों को भी
ताकत मिली है.
कर्टिस ने कहा कि भारत के रुख से इन देशों
को हौसला मिला है और वो मौजूदा हालातों
को लेकर अलर्ट हो गए हैं. चीन कई क्षेत्रों में
अपना प्रभाव बढ़ा रहा है. कुल मिलाकर
भारत ने चीन पर जो दबाव बनाया है उसका
असर आने वाले समय में भी देखने को
मिलेगा. इस रवैये से दोनों देशों के समीकरण
बदलेंगे. कुछ देशों को चीन की नीयत का
पता लग गया है.
बताते चलें कि यूएस-इंडिया बिजनेस
काउंसिल की तरफ से आयोजित इंडिया
आइडिया समिट में भारत और अमेरिका के
बीच संबंधों को और मजबूती दी जा रही है.
साथ ही इस समिट के जरिए चीन को भी ये
संदेश दिया जा रहा है कि उसकी दबंगई अब
और नहीं चलेगी. इस समिट में एक तरफ
जहां अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने
चीन के खिलाफ भारत से मजबूत रुख
अपनाने और अमेरिका के भारत के साथ
खड़े होने की बात कही, तो वहीं पीएम मोदी
ने भी अमेरिका को नेचुरल पार्टनर बताया.

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