नई दिल्ली. पीएम मोदी (Prime Minister of India Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली कैबिनेट (Cabinet Decision) ने बुधवार को गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के विस्तार की मंजूरी दे दी है. इस बात की जानकारी खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने ट्वीट कर दी. बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों ही PMGKAY के तहत 81 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को नवंबर 2020 तक मुफ्त में अनाज देने का ऐलान किया था. साथ ही इस योजना में उन लोगों को भी अनाज दिया जा रहा है जिनके पास राशन कार्ड (Ration Card) नहीं हैं. जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनको इस योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है.
इस योजना के तहत गुलाबी, पीले और खाकी राशन कार्डधारक को 5 किलो प्रति सदस्य गेहूं या चावल और एक किलो दाल प्रति परिवार को फ्री में दिया जाएगा.
मुफ्त राशन नहीं देने पर होगी सख्त कार्रवाई
ऐसे में अगर किसी कार्डधारकों को मुफ्त आनाज लेने में दिक्कत आ रही है तो वह इसकी शिकायत संबंधित जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक कार्यालय में या फिर राज्य उपभोक्ता सहायता केंद्र पर कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर 1800-180-2087, 1800-212-5512 और 1967 जारी किया है. उपभोक्ता अपनी शिकायत इन नंबरों पर दर्ज करवा सकते हैं. कई राज्य सरकारों ने अलग से भी हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं.
पीएम ने देश के नाम संबोधन में किया था ऐलान
बता दें कि बीते 30 जून को ही पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के जरिए देश के गरीबों को नवंबर महीने तक मुफ्त में अनाज देने का ऐलान किया था. कोरोना काल यानी मार्च महीने से ही मोदी सरकार ने 81 करोड़ गरीबों में मुफ्त में राशन बांट रही है, जो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बांटा जा रहा है. इसकी अंतिम तारीख 30 जून तय की गई थी. लेकिन, पीएम ने देश के नाम संबोधन में इसे बढ़ाकर नवंबर 2020 तक कर दिया था.
मंत्रालय का दावा यह है
केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान के मुताबिक इस योजना के तहत अब देश के 81 करोड़ से अधिक NSFA लाभार्थियों को भी अलग से प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो दाल मुफ्त प्रदान किया जाएगा. अब तक इस योजना के तहत अप्रैल महीने में 93%, मई महीने में 91% और जून में 71% लाभार्थियों को फ्री में अनाज दिया जा चुका है. अभी तक देश के कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 116 लाख मीट्रिक टन अनाज इस योजना के तहत ले चुके हैं. मोदी सरकार ने दीवाली और छठ पूजा तक इस योजना को बढ़ा दिया है.
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गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में केंद्र सरकार 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगी. अगर इसमें पिछले 3 महीने का खर्च जोड़ दिया जाए तो यह लागत करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये हो जाता है.
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