सत्ता की हवस और लालच कैसे होते हैं इसका सटीक उदाहरण है कानपुर में घटा हत्यारे विकास दुबे का कांड,जहां पुलिस उसको सिर्फ अपराधी मान कर ढूंढ रही हैं वहीं एक पुराने राजनैतिक दल ने ब्राह्मणों के नाम वाले सोशल मीडिया एकाउंट बना कर इस घटना को जातिवाद का रंग देने का प्रयास शुरू कर दिया है,कतिपय अल्प बुद्धि इनके जाल में फंस कर संदेशों को आगे भी बढ़ाने लगे थे लेकिन पुलिस की पैनी नज़र से बच नही पाए।अब उपरोक्त प्रचार सीमा पार से भी होना शुरु हो गया है।
जानिए उस रात का घटना क्रम और क्यों तोड़ा गया विकास दुबे का घर
एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उस रात पुलिस एनकाउंटर के इरादे से नहीं गई थी और न ही उनके पास पर्याप्त मात्रा में असलहे थे। लेकिन विकास दुबे और उसका गैंग पूरी तैयारी में था।
कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गाँव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपित विकास दुबे अभी तक फरार है। उसकी तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। इसके साथ ही सरकार विकास दुबे को प्रदेश तथा बाहर संरक्षण देने वाले नेता तथा अफसरों का भी कनेक्शन तलाश रही है।
इस बीच बिठूर थाने के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने उस रात की पूरी कहानी बताई। उन्होंंने बताया कि विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम के साथ क्या हुआ था।
एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उस रात पुलिस एनकाउंटर के इरादे से नहीं गई थी और न ही उनके पास पर्याप्त मात्रा में असलहे थे। लेकिन विकास दुबे और उसका गैंग पूरी तैयारी में था।
खबर के मुताबिक, घायल एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 2 जुलाई की रात करीब 12 बजे दबिश देने की तैयारी थी। उनके साथ उनकी टीम थी, साथ ही चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी माय फोर्स व एक अन्य थाने की फोर्स भी थी। इसके अलावा सीओ भी थे। सभी लोग करीब साढ़े 12 बजे विकास के घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर गाड़ी से उतरना पड़ा। रास्ते में जेसीबी को इस तरह से खड़ा किया गया था कि कोई गाड़ी न निकल सके। पैदल भी एक बार में एक ही आदमी निकल सके।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वहाँ पर पर्याप्त मात्रा में रोशनी न होने की वजह से वो लोग विकास दुबे की गैंग को नहीं देख पा रहे थे, मगर वो लोग उनको अच्छी तरह से देख रहे थे। उन्होंने बताया कि तीन तरफ से फायरिंग हो रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे एक ही समय में 15 लोग गोली चला रहे हों। उन्होंने आरोपितों के पास सेमी ऑटोमेटिक वेपन्स होने की भी आशंका जताई। हालाँकि अँधेरे की वजह से कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं दिखने की बात कही।
बता दें कि पुलिस ने विकास दुबे का किलेनुमा मकान जमींदोज कर दिया है। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि विकास ने घर की दीवारों में हथियार और कारतूस चुनवा रखे थे। आईजी के अनुसार सूचना मिली थी कि विकास ने अपने घर में भारी मात्रा में असलहे छिपा रखे हैं। पिस्टल जैसे हथियार दीवारों में चुनवाकर छुपाने की जानकारी मिली थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा, उस पर हत्या का मुकदमा चलेगा।
बताया जा रहा है कि विकास दुबे भेष बदलने में माहिर है। इसके अलावा उसके राजस्थान के एक नेता के साथ बेहद अच्छे संबंध की भी बात कही जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शातिर गैंगस्टर विकास अपने साथ मोबाइल फोन भी नहीं रखता।
आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा है कि जल्द ही विकास पुलिस के शिकंजे में होगा। यह किसी आतंकी घटना से कम नहीं है। विकास के साथ वही सुलूक होगा जो एक आतंकवादी के साथ होता है।
पुलिस ने विकास दुबे के सहयोगी दयाशंकर अग्निहोत्री ने गिरफ्तारी के बाद बताया कि विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से एक फोन आया था। इसके बाद उसने लगभग 25-30 लोगों को बुलाया। उसने पुलिसकर्मियों पर गोलियाँ चलाईं। उसने कहा कि मुठभेड़ के समय वो घर के अंदर बंद था, इसलिए उसने कुछ भी नहीं देखा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद आपराधिक नेटवर्क को जड़ से ख़त्म करने के लिए विकास दुबे को संरक्षण और समर्थन देने वाले हर उस व्यक्ति की सूची बनाई जा रही है, जिसने उसकी मदद की है। विकास दुबे से जुड़े सारे नेताओं की लिस्ट तैयार की जा रही है, चाहे वो किसी भी राजनीतिक पार्टी में क्यों न हों। इस काम में प्रशासनिक तंत्र के साथ-साथ ख़ुफ़िया विभाग भी लगा हुआ है। यहाँ तक कि भाजपा के भी जिन नेताओं के विकास दुबे से सम्बन्ध हैं, उनका भी ब्यौरा जुटा कर आगे की कार्रवाई तैयार की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार बदमाशों ने DSP देवेंद्र मिश्रा पर सिर्फ गोली ही नहीं चलाई, बल्कि उनका सर और पाँव भी कुल्हाड़ी से काट दिया था, उनकी लाश को क्षत-विक्षत भी किया था। वहीं एक सब इंस्पेक्टर को प्वाइंट ब्लैक रेंज से गोलियों से छलनी कर दिया। एक कॉन्स्टेबल पर एके-47 से गोलियों की बौछार की गई थी। विकास दुबे के सभी आदमी आधुनिक हथियारों से लैस थे।
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