खुशखबरी : देसी कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर शुरुआती ट्रायल में कोई साइड इफेक्‍ट नहीं

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को बताया कि भारत में तैयार होने वाली कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल पीजीआई रोहतक में शुरू हो गया है।

चंडीगढ़। देसी कोरोना वैक्‍सीन COVAXIN पर शुक्रवार को हरियाणा के रोहतक से खुशखबरी आई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोरोनावायरस के स्वदेशी वैक्सीन COVAXIN का हरियाणा में मानव पर परीक्षण शुरू हो गया है। यहां पीजीआई में वॉलंटियर्स के पहले ग्रुप को COVAXIN की पहली डोज दी गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस बात की जानकारी दी। अच्छी बात ये है कि जिन लोगों पर ये ट्रायल किए गए, उन पर इस वैक्सीन का अब तक कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है।

भारत बायोटेक ने पीजीआई-रोहतक में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया : विज
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हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को बताया कि भारत में तैयार होने वाली कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल पीजीआई रोहतक में शुरू हो गया है। भारत बायोटैक कंपनी की ओर से तैयार किए गए COVAXIN का सफल प्रयोग चूहों और खरगोश पर किया जा चुका है। इसके बाद इंसानों पर इसका प्रयोग शुरू किया गया है। अनिल विज के मुताबिक यह वैक्सीन जिन लोगों को दी गई है उनमें अब तक कोई कुप्रभाव नहीं दिखा है।

अनिल विज ने बताया कि 18 से 55 साल की उम्र वाले स्‍वस्‍थ लोगों को यह वैक्‍सीन दो डोज में दी जानी है। फेज 1 ट्रायल में दूसरी डोज 14वें दिन पर दी जाएगी। टोटल 1,125 वॉलंटियर्स पर स्‍टडी होनी है जिसमें से 375 पहले फेज में शामिल होंगे और 750 दूसरे फेज में। टेस्‍ट के बीच में 4:1 का रेशियो होगा। यानी अगर 4 मरीज को वैक्‍सीन दी जाएगी तो एक को सिर्फ देने का नाटक किया जाएगा। इसे साइकॉलजी में placebo कहते हैं।

इस वैक्‍सीन का ट्रायल देश में अलग-अलग शहरों के 14 रिसर्च इंस्टीट्यूट में किया जा रहा है। इन शहरों में नई दिल्ली, रोहतक, हैदराबाद, विशाखापट्नम, पटना, कानपुर, गोरखपुर, भुवनेश्वर, चेन्नई और गोवा शामिल हैं।

बता दें कि कोविड-19 महामारी रोकने के लिए इस समय दुनियाभर में करीब 150 वैक्सीन पर काम चल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कई वैक्सीन की अब फेज 2 ट्रायल शुरू हो रही है। लेकिन, भारत के अलावा जिन स्थानों पर वैक्सीन तैयार होने का बेसब्री से इंतजार हो रहा है, उनमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, मॉडर्ना, कैनसिनो, साइनोफार्म और एस्ट्रा-जेनेका की वैक्सीन अंतिम दौर में हैं। अपने देश में दो तरह की वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल चल रहा है

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