कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने एक बार फिर पार्टी में फुलटाइम अध्यक्ष की मांग उठाई है। संदीप ने रविवार को पार्टी नेताओं के असमंजस की स्थिति में होने का दावा करते हुए कहा कि अध्यक्ष का मुद्दा पहले ही सुलझाना चाहिए था और अब तो समय आ ही गया है कि चयन से या चुनाव से, पार्टी को अपना अध्यक्ष नियुक्त करना ही चाहिए।
कांग्रेस कार्यसमिति को इस मुद्दे को प्राथमिकता से निपटाना चाहिए। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने कहा कि अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी पार्टी से जुड़े दीर्घकालिक फैसले नहीं कर सकती हैं, इसलिए भी पूर्णकालिक अध्यक्ष तय किया जाना जरूरी है।
अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का एक साल का कार्यकाल अगस्त की शुरुआत में पूरा हो रहा है और पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा की स्थिति साफ नहीं है। दीक्षित ने पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान में बगावत पर उतरे युवा नेता सचिन पायलट की आलोचना करते हुए कहा कि यह लड़ाई पार्टी में युवा बनाम बुजुर्ग की नहीं थी। मध्यप्रदेश, राजस्थान में बगावत पर चल रहा मंथन
ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट की बगावत के बाद पार्टी मंथन कर रही है। कांग्रेस कार्यसमिति के एक सदस्य ने नाम प्रकाशित नहीं किए जाने की शर्त पर कहा, 'जब ऐसे नेता, जिन्हें कम समय में काफी जिम्मेदारी दी गई और जिनकी प्रतिभा का उपयोग पार्टी अपनी भविष्य की रणनीति के लिए करने को लेकर आश्वस्त थी, वे भी अगर संतुष्ट नहीं हैं तो कहीं न कहीं गड़बड़ तो है।'
वहीं कांग्रेस महासचिव हरीश रावत यह मानने से इनकार करते हैं कि पार्टी के भीतर युवा और बुजुर्ग पीढ़ी का टकराव है। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि महत्वाकांक्षा के कारण हमारे यहां के कुछ लोग भाजपा के जाल में फंस गए।
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