दिग्विजय सिंह ने नई कीमत जारी की राफेल विमान की,746 रुपया,लोगो ने कहा जजमेंट पढ़ लो सुप्रीम कोर्ट का

दिग्विजय सिंह ने राफेल की कीमत बताई 746 ₹
HAL की तत्कालीन स्थिति में डसाल्ट ने OUTDATED करार दिया था उसको
UPA सरकार से सस्ता है सौदा सुप्रीम कोर्ट ने माना

फ्रांस निर्मित 36 में से पांच राफेल (Rafale Jet Fighter) विमान आज हरियाणा स्थित अंबाला में भारतीय वायुसेना के बेस पर पहुंचेंगे. इस दौरान उन्हें वॉटर सैल्यूट दिया जाएगा. वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस विमान के सौदे पर करप्शन का मुद्दा उठाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा था.
राफेल के भारत पहुंचने से पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा -आख़िर राफ़ेल fighter plane आ गया. 126 राफ़ेल ख़रीदने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में UPA ने 2012 में फैसला लिया था और 18 राफ़ेल को छोड़कर कर बाकी भारत सरकार के HAL में निर्माण का प्रावधान था. यह भारत के आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था. एक राफ़ेल की क़ीमत ₹746 करोड़ तय की गई थी.’

दिग्विजय ने कहा- ‘मोदी सरकार आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा, वित्त मंत्रालय व कैबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक़ मार कर निजी कंपनी को देने का समझौता कर लिया. राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफ़ेल ख़रीदने के बजाय केवल 36 ख़रीदने का निर्णय ले लिया.’
 
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा- ‘एक राफ़ेल की क़ीमत कांग्रेस सरकार ने ₹746 करोड़ रुपये तय की थी लेकिन “चौकीदार” महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं. क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी!! “चौकीदार” जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!’

सिर्फ 36 राफेल खरीदने के फैसले पर दिग्विजय ने कहा- ‘राष्ट्रीय सुऱक्षा का आकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 126 राफ़ेल ख़रीदने की सिफ़ारिश की थी जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी. अब मोदी जी ने 126 के बजाय 36 राफेल ख़रीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं. क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?’

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