कांग्रेस ने 5 बार दिया था एक दुर्दांत अपराधी को लोकसभा टिकट,सारे मुकदमे वापस,गांधी से की थी तुलना,मंच सजा था विकास दुबे के लिए भी?
इंदिरा गांधी व राजीव के करीबी रहे सदर के पूर्व विधायक देवेंद्र पांडेय (66) का 2017 में लखनऊ में निधन हो गया। वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में इंडियन एयरलाइंस का प्लेन हाईजैक करने के बाद देवेंद्र व भोला पांडेय चर्चा में आए थे। इसके इनाम स्वरूप वे दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा भी पहुंचे।
देवेंद्र पांडेय ने वर्ष 1977 में किसी पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर लोकसभा चुनाव बतौर निर्दलीय लड़ा पर जनता पार्टी की बयार में चुनाव हार गए। जनता पार्टी की सरकार में आंदोलन के समय सरकार ने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद बलिया निवासी भोलानाथ पांडेय व देवेंद्र पांडेय ने प्लेन हाईजैक करने की योजना बना डाली। दोनों कोलकाता पहुंचे और 20 दिसंबर 1978 को इंडियन एयरलाइंस के दिल्ली जा रहे आईसी 410 फ्लाइट को क्रिकेट की गेंद पर रुमाल लगाकर 132 यात्रियों समेत हाईजैक कर लिया।
दोनों लोग प्लेन को पहले नेपाल ले गए। वहां उतरने की इजाजत नहीं मिलने एवं फ्यूल खत्म होते देख प्लेन को वाराणसी के बाबतपुर हवाई अड्डे पर उतारा गया। सुरक्षा एजेंसियाें की नाकामी के बाद सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रामनरेश यादव से सशर्त वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने प्लेन को मुक्त किया। प्रकरण में देवेंद्र पांडेय व भोलानाथ पांडेय के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ। देवेंद्र पांडेय के विधायक प्रतिनिधि रहे शारदा प्रसाद श्रीवास्तव बताते हैं कि नौ माह 28 दिन जेल में रहने के बाद वे जमानत पर रिहा हुए। इसके बाद जब 1980 में केंद्र में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में सरकार बनी तो उन्होेंने मुकदमा वापस ले लिया।
यहीं से उनके कांग्रेस के राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। घटना के बाद वे इंदिरा गांधी, संजय गांधी व राजीव गांधी के काफी करीब पहुंच गए। 1980 के विधानसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने इन्हें जयसिंहपुर (सदर) विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया तो ये जीतकर विधानसभा पहुंचे। इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी ने भी देवेंद्र पांडेय को 1985 और 1989 में विधानसभा का टिकट दिया। 1985 में देवेंद्र दोबारा जीतकर विधानसभा पहुंचे लेकिन 1989 में ये चुनाव हार गए।
20 दिसम्बर 1978 की है लखनऊ से दिल्ली जाने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या IC 410 को लखनऊ से उड़ने के चंद मिनटों बाद हाईजैक कर लिया गया इस फ़्लाइट में 130 के करीब यात्री थे। हाईजैक करने वाले थे इंडियन यूथ कांग्रेस के दो सदस्य आजमगढ़ का भोला पांडे और बलिया का देवेन्द्र पांडे।
उन दो हथियार बंद हाईजैकर्स ने यात्रियों को रिहा करने के बदले तीन मांगे! रखी इंदिरा गांधी को जेल से रिहा किया जाय! संजय गांधी और इंदिरा गांधी के खिलाफ सारे आपराधिक मामले विड्रा किये जायें! और केंद्र की जनता सरकार अपना इस्तीफा दे! बाद में इन दोनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ बातचीत में सरेंडर कर दिया इस घटना की सभी पार्टियों ने जम कर आलोचना की सिर्फ कांग्रेस को छोड़कर।
पहले तो कांग्रेस ने इस घटना को सिर्फ एक मज़ाक समझ कर भूल जाने को कहा, पर संसद में चर्चा के दौरान कांग्रेस इससे भी एक कदम आगे चली गयी कांग्रेस के वरिष्ठ सांसदों जिनमे वसंत साठे और आर वेंकटरमन थे इस घटना की तुलना गांधी जी के नमक आंदोलन से कर डाली और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विरोध करने के अधिकार से जोड़ दिया बाद में इन्ही हाईजैकर्स को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश से टिकट देकर विधायक बनवाया और वेंकटरामन आगे जाकर देश के राष्ट्रपति बने।
भोला पांडे को कांग्रेस ने हाईजैकिंग के इस कारनामे को अंजाम देने के इनाम में 1991 से 2014 तक पांच बार सांसदी का टिकट भी दिया जिसे वो कभी जीत ना सके वरना एक हाईजैकर भारतीय संसद में बैठा होता। किन-किन लोगो को मालूम है ये घटना, मैं नही जानता पर इस घटना से कांग्रेस के चाल और चरित्र को और अधिक गहराई से जरूर जान गया।
इंदिरा गाँधी की रिहाई के लिए 27 साल के देवेंद्र पांडे ने भोला पांडे के साथ मिलकर फिल्मी स्टाइल में इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाइजैक कर लिया। दोनों ने क्रिकेट बॉल को रुमाल से ढककर उसे बम बताते हुए प्लेन को अगवा किया। दिल्ली जाने वाले प्लेन को वाराणसी ले गए। उस वक्त प्लेन में 132 यात्री सवार थे।
इंदिरा गॉंधी के साथ देवेंद्र पांडे (फाइल फोटो)
गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर ने एक बार फिर से सियासत और अपराध के घालमेल को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। उसके एनकाउंटर पर प्रियंका गॉंधी और अखिलेश यादव ने सवाल उठाकर सियासी रोटी सेंकने में देरी नहीं की, जबकि सपा-बसपा के नेताओं से दुबे की करीबी छिपी नहीं थी।
वैसे इस मोर्चे पर भी कॉन्ग्रेस सबसे ज्यादा अनुभव रखती है। सत्तालोभ और तुष्टिकरण के लिए ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जिसे उसने ध्वस्त न किया हो।
इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण अतीत में मौजूद है, जब विमान अगवा करने वाले 2 लोगों को कॉन्ग्रेस ने माननीय बनाने में देर नहीं लगाई। दोनों को न केवल पार्टी में पद दिया गया बल्कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी कई बार टिकट से ‘सम्मानित’ किया गया। बात हो रही है देवेंद्र और भोलानाथ पांडे की।
यह वाकया दिसंबर 1978 का है। किशन आर वाधवानी की पुस्तक ‘इंडियन एयरपोर्ट्स (शॉकिंग ग्राउंड रियलिटीज़)’ के अनुसार, भोलानाथ और देवेंद्र पांडे ने इंडियन एयरलाइंस के एक घरेलू उड़ान का अपहरण कर लिया था। देवेन्द्र पांडेय कॉन्ग्रेस के उन समर्थकों में से एक थे, जो अपने चहेते नेता के लिए कुछ भी कर गुजरने को तत्पर रहते थे।
भोलानाथ पांडे और देवेंद्र पांडे
इंदिरा गाँधी की रिहाई के लिए 27 साल के देवेंद्र पांडे ने भोला पांडे के साथ मिलकर फिल्मी स्टाइल में इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाइजैक कर लिया। दोनों ने क्रिकेट बॉल को रुमाल से ढककर उसे बम बताते हुए प्लेन को अगवा किया। दिल्ली जाने वाले प्लेन को वाराणसी ले गए। उस वक्त प्लेन में 132 यात्री सवार थे।
विमान अपहरण के बदले उन्होंने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी कि रिहाई की माँग की थी, जिन्हें कि आपातकाल के बाद गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों ने यात्रियों को छोड़ने के लिए मुख्यतः तीन शर्तें रखी थीं –
इंदिरा गाँधी को रिहा किया जाए।
इंदिरा गाँधी और संजय गाँधी के खिलाफ लगे सारे आरोप खत्म किए जाएँ।
इंदिरा गाँधी को गिरफ्तार करने वाली केंद्र की जनता पार्टी की सरकार इस्तीफा दे।
हालाँकि, इस विमान अपहरण कि घटना को राजनीतिक हास्य का नाम दिया गया क्योंकि पांडे भाइयों ने विमान अपहरण के लिए बच्चों के खिलौने वाले हथियार का इस्तेमाल किया था। कुछ घंटों के लिए 132 यात्रियों को बंधक बनाए रखने के बाद, उन्होंने मीडिया की मौजूदगी में वाराणसी उतरने पर आत्मसमर्पण कर दिया था।
देवन्द्र पांडे को इस मामले में 9 महीने, 28 दिन जेल में भी रहना पड़ा था। देश में जब फिर से इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की सरकार बनी, तब इन पर लगे मुकदमों को वापस ले लिया गया।
गाँधी परिवार की भक्ति में उठाए गए इस कदम के कारण ही विमान अपहरण के इस संगीन अपराध के बावजूद ‘पुरस्कार स्वरूप’ कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा उन्हें पुरस्कृत किया गया था- पहले उन्हें 1980 में विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का टिकट मिला और बाद में लोकसभा के लिए। इस चुनाव में पांडे जीत गए और उत्तर प्रदेश की विधान सभा के सदस्य बन गए।
इंदिरा गाँधी के साथ कॉन्ग्रेस नेता पांडे बंधु
भोलानाथ पांडे ने वर्ष 1980 से 1985 और 1989 से 1991 तक दोआबा, बलिया से कॉन्ग्रेस विधायक के रूप में कार्य किया। दूसरी तरफ देवेंद्र पांडे दो कार्यकाल तक संसद के सदस्य रहे और उत्तर प्रदेश के महासचिव के रूप में कॉन्ग्रेस पार्टी की सेवा की।
दोनों पांडे बंधुओं को भारत में आपातकाल के दौरान जेल में सभी विपक्षी नेताओं की हत्या के विचार के साथ ही कई अन्य आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। भोलानाथ पांडे आजमगढ़ जिले से है, और देवेंद्र पांडे उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से। दोनों ही युवा कॉन्ग्रेस के सदस्य थे।
विमान का अपहरण करना कुछ सबसे बड़े अपराधों में से एक है और ऐसे व्यक्ति को आजीवन कारावास की न्यूनतम सजा से लेकर मौत की सजा तक हो सकती थी। लेकिन कॉन्ग्रेसी प्लेन अपहरणकर्ताओं को परिवार के लिए उठाए गए इस कदम के लिए संसद भेजकर सम्मानित किया गया।
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