एलएसी झड़प: "चीन के 100 से ज्यादा मारे गए सैनिक", पूर्व चीनी सैन्य अधिकारी ने किया खुलासा

15 जून की रात को गलवान में भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प से जुड़ा एक बड़ा सच सामने आया है। पूर्व चीनी सैन्य अधिकारी जियानली यांग ने खुलासा किया है कि इस हिंसक झड़प में चीन के 100 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। प्रतिद्वंदि नेता ने एक बयान जारी करते हुए शी जिनपिंग की सरकार की आलोचना की और कहा कि ये आंकड़े इसलिए जारी नहीं किए जा रहे क्योंकि अगर ये बात जनता के सामने आई तो चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के लिए मुसीबतें खड़ी हो जाएंगी और पार्टी में विद्रोह हो जाएगा। 

बता दें कि जब से एलएसी पर भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच झड़प हुई है, तबसे चीन अपने मारे गए सैनिकों के सटीक आकड़े पेश करने से बचता रहा है। चीन के इस कदम की उनके देश में ही जमकर आलोचना हो रही है। जबकि भारत ने बताया था कि किया कि उसके 20 सैनिक शहीद हो गए हैं, चीन अभी तक चुप्पी साधे बैठा है। हालांकि, उसने ये जरुर बताया कि उसके मारे गए सैनिकों की संख्या 20 से कम है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि चीनी सरकार ने देश में शांति बनाए रखने के लिए आकड़े छुपाये हैं। 

पिछले महीने न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने चीनी समाचारों के हवाले से कहा था कि चीन में इस हिंसक झड़प से 43 सैनिकों को नुकसान पहुंचा है जिसमें दोनों मृत और घायल सैनिक शामिल हैं। वही अमेरिका के खुफिया विभाग के मुताबिक, चीन के 35 सैनिक मारे गए हैं। जबकि प्रसार भारती को सूत्रों से पता चला है कि झड़प में 45 सैनिकों ने अपनी जान गंवा दी है। 

लद्दाख में पीछ हटने को मजबूर हुआ ड्रेगन

सूत्रों के मुताबिक, चीन अब गलवान घाटी से करीब दो किलोमीटर पीछे हट गया है। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने टेंट भी हटा लिए हैं। चीन का इस तरह पीछे हटना भारत की बड़ी कटूनीति जीत मानी जा रही है। 

न्यजू एजेंसी एएनआई ने भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से कहा कि कॉर्प्स कमांडर लेवल की बातचीत में जिन जगहों पर डिसएंगेजमेंट की सहमति बनी थी, वहां से चीनी सेना ने टेंट, वाहनों और सैनिकों को 1-2 किलोमीटर पीछे हटा लिया है। गलवान नदी क्षेत्र में चीनी भारी बख्तरबंद वाहन अभी भी डेप्थ वाले क्षेत्रों में मौजूद हैं। भारतीय सेना सतर्कता के साथ स्थिति की निगरानी कर रही है।

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