ये रिश्ता क्या कहलाता है? जब भी चीन भारत संघर्ष होता है, तो काँग्रेस चीन का पक्ष लेती हैकांग्रेस को चीन से इतना प्यार क्यों है

कल से पूरा देश लद्दाख के गलवान घाटी में चीन की PLA के साथ हुई लड़ाई में शहीद होने का शोक मना रहा है। चीन को भी काफी नुकसान हुआ है और 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है। वर्ष 1975 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा था कि LAC पर भारत ने किसी जवान की गंवाई है। ऐसे मौके पर पूरा देश भारतीय सेना के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसे वक्त में भी देश और सेना को बदनाम करने का एक मौका नहीं छोड़ रही है। हालांकि कांग्रेस में चीन के प्रति सहानुभूति स्वतन्त्रता के समय से ही देखा जा सकता है। जब भी भारत और चीन के बीच संघर्ष देखने को मिलता है कांग्रेस पार्टी को चीन का साथ देते या सुरक्षा मामलों पर भारत विरोधी बयान जारी करते देखा जा सकता है।

इस बार भी कांग्रेस और उसके नेता अपने प्रोपोगेंडे को जारी रखे हुए भारत विरोधी ट्वीट करते रहे और पीएम मोदी को निशाना बनाने का एक मौका भी नहीं छोड़ा। देश की सुरक्षा को ताक पर रखते हुए कांग्रेस अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह का व्यवहार दिखाता कि क्यों जनता ने उसे नकार दिया है और अगर यही आगे भी जारी रहा तो वह फिर से जनता का विश्वास कभी नहीं जीत पाएगी।

कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ही कई ऐसे ट्वीट किया। यही नहीं पीएम मोदी के खिलाफ #WeakestPMModi हैसटैग के साथ ट्रेंड भी चलाया और 20 सैनिकों की की जान का राजनीतिकरण करने से भी पीछे नहीं हटे।
 
कांग्रेस पार्टी के युवराज राहुल गांधी ने भी इसी तरह का ट्वीट किया और भारतीय सेना की शहादत की आड़ में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, ” पीएम मोदी चुप क्यों हैं, छिपे क्यों हैं। बहुत हुआ। हम ये जानना चाहते हैं कि आखिर सीमा पर हुआ क्या? चीन ने हमारे सैनिकों को कैसे मार दिया? कैसे उसने हमारी जमीन लेने का दुस्साहस किया?”


Rahul Gandhi
@RahulGandhi
Why is the PM silent? 
Why is he hiding? 

Enough is enough. We need to know what has happened. 

How dare China kill our soldiers?
How dare they take our land?

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8:55 am - 17 जून 2020
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वहीं कांग्रेस पार्टी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “हमारे बहादुर सेना के जवान शहीद हो गए हैं और हमारे राष्ट्र ने इस नुकसान पर शोक व्यक्त किया है, लेकिन हमारी सरकार किसी भी तरह के सवालों के जवाब

से इनकार करती है। पीएम मोदी और रक्षा मंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। ”


Congress
@INCIndia
Our brave army personnel have been martyred & as our nation mourns this loss, our govt stands idly by & refuses to answer pertinent questions. PM Modi & Defence Minister must break their silence.#WeakestPMModi

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8:30 pm - 16 जून 2020
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वहीं एक और ट्वीट में कांग्रेस से कहा कि आखिर इतने देर से बयान क्यों आ रहे हैं और वह भी कुछ देर बाद बदला जा रहा है ?

बता दें कि भारतीय सेना ने एक बयान जारी करते हुए यह बताया था कि भारत के तीन जवान शहीद हुए हैं और फिर थोड़े देर बार यह बयाना आया था कि दोनों तरफ नुकसान हुआ है।
 
एक और ट्वीट में कांग्रेस ने हद पार करते हुए ट्वीट किया कि पीएम मोदी आप क्यों छिपे हुए हैं ? आप देश को सच क्यों नहीं बता देते?


Congress
@INCIndia
PM Modi what are you hiding? Why can't you tell Indians the truth?#WeakestPMModi

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6:55 pm - 16 जून 2020
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इस बीच, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और पी चिदंबरम भी इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश की।


P. Chidambaram
@PChidambaram_IN
We have seen the official statement issued by the Ministry of External Affairs that says nothing new after the news broke out at 12.52 pm today thanks to an Army WhatsApp group.

7,287
8:47 pm - 16 जून 2020
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कांग्रेस के इस तरह के बयानों से यह समझा जा सकता है कि कैसे एक बार फिर से देश की सबसे पुरानी पार्टी देश हित को ऊपर रखने में नाकाम रही। हालांकि, कांग्रेस से इससे अधिक की उम्मीद भी नहीं थी क्योंकि कांग्रेस इसी तरह का भारत विरोधी रवैया पहले भी अपना चुकी है। तीन वर्ष पहले जब भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच डोकलाम में स्टैंड-ऑफ हुआ था तब, राहुल गांधी ने चीनी राजदूत लुओ झाओहुई से गुप्त रूप से मीटिंग की थी।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को भी कांग्रेस पार्टी BJP बनाम कांग्रेस समझती है शायद इसीलिए इस तरह के घटिया बयान देती है। भारत ने जब 1998 में परमाणु परीक्षण किया था तब भी कांग्रेस पार्टी ने वाजपेयी सरकार के खिलाफ प्रोपोगेंडा फैलाया था। सलमान खुर्शीद से लेकर मणिशंकर अय्यर तक ने सवाल खड़े करते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी। इंडिया टुडे के अनुसार, मणिशंकर अय्यर ने सोनिया गांधी से परीक्षण को सिरे से नकारने की सलाह दी थी।

फिर 2009 में, कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इसका कारगिल युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है। यह 1999 के संघर्ष में भारतीय सेना के अधिकारियों और सैनिकों के बलिदान का एक अपमान था।

वहीं चीन के लिए कांग्रेस में शुरू से ही सहानुभूति रही है तभी तो प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने हिन्दी चीनी भाई-भाई का नारा दिया था। एक तरफ चीन भारत के लद्दाख पर चढ़ाई करने के लिए रोड बना रहा था तो वहीं जवाहर लाल नेहरू हिन्दी चीनी भाई-भाई कर रहे थे। नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद स्थायी सीट पर चीन के दावे का समर्थन किया था, और उसके बदले भारत को 1962 का युद्ध मिला जिसमें आक्साई चिन पर भी चीन ने अतिक्रमण कर लिया।

वर्ष 2013 में तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) भारतीय क्षेत्र में 18-19 किलोमीटर तक घुस आई थी। लेकिन केंद्र ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया, लेकिन श्याम सरन की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया कि इसी न स्वीकारने के कारण भारत ने लगभग 640 वर्ग किमी अपनी जमीन खो दी थी।

कांग्रेस का शुरू से ही इस तरह की भारत विरोधी हरकतों का रिकॉर्ड रहा है। यही कारण है कि लगातार दो बार लोकसभा के आम चुनावों में भी जनता ने 60 से अधिक सीटें नहीं दी। परंतु फिर भी कांग्रेस ने कुछ सीख नहीं लिया और इस बार फिर से अपने चीन प्रेम को उजागर किया जिसके लिए उसके कभी माफ नहीं किया जाएगा।

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