नई दिल्ली: चीन और भारत के बीच पिछले कई सप्ताह से चले आ रहे तनाव को लेकर जिस बात का डर था, वहीं हुआ। सोमवार की रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच एक बार फिर हिंसक झड़प हुई, जिसमें 3 भारतीय शहीद हो गए हैं जबकि 5 चीनी जवान भी मारे गए हैं और 11 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
दोनों ही सेनाओं के बीच यह झड़प गलवान घाटी में हुई, जिसके बाद दोनों ही देशों के अधिकारी इस मामले को सुलझाने के लिए घटनास्थल पर बैठक कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि दोनों ही सेनाओं के बीच लाठी और डंड़े भी चले। भारत के साथ-साथ चीन के 5 सैनिकों की मौत हुई है और 11 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हालांकि चीन की तरफ से उसके सैनिकों को मारे जाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
भारत की तरफ से उच्च सूत्रों ने बताया कि इस घटना में चीनी पक्ष की तरफ से कम से कम 3 से 4 जवान हताहत हुए हैं। राजनाथ सिंह ने विस्तृत प्रतिक्रिया और रणनीति बनाने के लिए आज सीडीएस, सेना प्रमुख और विदेश मंत्री जयशंकर के साथ बैठक की। इसके साथ ही सुबह 7:30 से दोनों पक्ष के बीच मीटिंग चल रही है। भारतीय सेना की तरफ से जबरदस्त प्रतिक्रिया के बाद चीन की तरफ से मीटिंग की मांग की गई।
चीन ने भारतीय सेना को बताया दोषी
जवाब में, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने सोमवार को दो बार सीमा रेखा पार की, 'चीनी कर्मियों को उकसाया और हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों पर सीमा बलों के बीच गंभीर टकराव हुआ।'
इसके साथ ही चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ले ट्वीट किया है कि सोमवार को भारतीय सैनिकों ने दो बार सीमा को अवैध रूप से पार किया और चीनी सैनिकों पर हमले को अंजाम दिया। जिसके परिणामस्वरूप गंभीर झड़पें हुईं और 3 भारतीय सैनिक मारे गए। चीन ने भारतीय पक्ष से सीमा पार करने या किसी भी एकतरफा कार्रवाई करने से सख्ती से रोक लगाने का आग्रह किया है, जोकि सीमा की स्थिति को जटिल कर सकती है।
परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों चीन के साथ भारत 3,488 किमी लंबी अचिह्नित सीमा साझा करता है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पिछले हफ्ते कहा कि बीजिंग स्थिति को सुलझाने के लिए नई दिल्ली के साथ एक 'सकारात्मक सहमति' पर पहुंच गया है, जबकि भारत ने रविवार को कहा कि दोनों देश 'शांतिपूर्ण तरीके से हल करने' के लिए सहमत हुए हैं।
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