इलाज हो गया, क्वारांटाइन खत्म, अब चलिए Detention Centre में, 500 तबलीगी जमातियों की आई शामत

कुछ दिन तो गुजारिये detention centre में

भारत में कोरोना फैलाने में सबसे बड़े सिंगल सोर्स के रूप में जाने जाने वाले तबलिगी जमात के 500 से अधिक विदेशी जामतियों को डिटेन्शन सेंटर में भेजने का फैसला लिया गया है।

द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया मलेशिया फ्रांस और अमेरिका से आए 567 तबलीगी जमात के लोगों का quarantine समय समाप्त हो चुका है और अब इन सभी को दिल्ली पुलिस डिटेन्शन सेंटर भेजने की कर्रवाई में लगी हुई है।

बता दें कि इन जामतियों पर The Foreigners Act के सेक्शन 14 के तहत वीजा के नियमों को तोड़ने के लिए मामला दर्ज किया गया है। इन सभी की अब जांच की जाएगी और उन्हें दोषी सिद्ध करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। किसी भी विदेशी को भारत में धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए मिशनरी वीजा आवश्यक होता है लेकिन इन सभी जामतियों के पास पर्यटक वीजा था।

बता दें कि जैसे ही दिल्ली के निज़ामुद्दीन में मरकज की खबर आई थी और देश में कोरोना के मामले एकदम तेज़ी से बढ़ते थे तब गृह मंत्रालय ने त्वरित करेवाई करते हुए अप्रैल की शुरुआत में वीजा उल्लंघन के लिए 960 विदेशियों को ब्लैकलिस्ट कर उनके वीजा को रद्द कर दिया था।

दिल्ली पुलिस ने इन सभी के लिए डिटेन्शन सेंटर के लिए कुछ स्थान पहले से ही देख रखा है। यह सभी स्थान आउटर दिल्ली की स्कूल या कम्यूनिटी सेंटर हैं।

बता दें कि तबलिगी जमात के कारण दिल्ली के बाद देश भर में कोरोना के मामलों में अचानक से तेज़ी आई थी। राजधानी दिल्ली में धारा-144 लागू होने के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के सेंटर मरकज में विभिन्न देशों के 8000 से अधिक जमाती एकत्रित हुए थे। मरकज में मौजूद रहे करीब 800 से अधिक विदेशी थे, इनके द्वारा अथॉरिटी को किसी जमात में शामिल होने की जानकारी नहीं दी गई थी। मामला सामने आने के बाद इन सभी को इस वीज़ा नियमों का उल्लंघन करने के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था। कुछ ने तो भागने की भी कोशिश की थी लेकिन उन्हें भी पकड़ लिया गया था। बता दें कि शुरू में निज़ामुद्दीन मरकज़ के अध्यक्ष मौलाना साद ने पुलिस और अधिकारियों के साथ किसी भी तरह का सहयोग करने से मना कर दिया था। पुलिस ने मरकज़ में मौजूद सभी लोगों से कोरोना के लिए टेस्ट कराने और अपने आप को क्वॉरेंटाइन करने के लिए कहा था, जिसे मौलानाओं ने मानने से मना कर दिया था लेकिन फिर बाद में इन जामतियों को बाहर निकालने के लिए मामले को अजित डोभाल ने अपने हाथों में लिया था।

इस जमात ने सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में इसी तरह के मरकज का आयोजन कर कोरोना फैलाया था। पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया जैसे देशों में बड़े स्तर पर मरकज का आयोजन किया गया था जिसके बाद इन देशों में भी कोरोना के मामलों में अचानक से उछाल आया था।

अब भारत में इतने दिनों तक quarantine में रखने के बाद इन विदेशी जामतियों पर कर्रवाई शुरू हो चुकी है। अब इन्हें जल्द से जल्द कानूनी कर्रवाई कर जेल भेजा जा सकता है। अब इन जामतियों को जेल की रोटी तोड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।


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