होकर रहेगा तीसरा वर्ल्ड वॉर? चीनी मिसाइलों के जवाब में अमेरिका की क्रूज मिसाइल भी तैयार

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच चीन के आक्रामक तेवरों के बाद अब अमेरिका भी भारत-प्रशांत क्षेत्र में क्रूज मिसाइल तैनात करने जा रहा है। एक तरफ चीन और नॉर्थ कोरिया तो दूसरी ओर अमेरिका की युद्धक तैयारियों को देखकर लगने लगा है कि दुनिया पर तीसरे विश्वयुद्ध का संकट बढ़ता जा रहा है। अमेरिका की जवाबी युद्धक तैयारियों से घबराये चीन ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन को अपने वायदे के अनुसार एशिया प्रशांत क्षेत्र में गतिविधियां सीमित रखनी चाहिए।

चीन यह भी कहा है कि इस इलाके में अमेरिकी शतरंजी चाल न चले। इसके अलावा चीन के चारों और मिलिटरी पॉवर को बढाकर तनाव की स्थिति पैदा न करे। इसके विपरीत पेंटागन में समरनीति के सलाहकार और अमेरिकी आर्मी के वरिष्ठ कमाण्डर ने कहा है कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने अपनी क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों के मुंह अमेरिका और सहयोगी देशों की ओर मोड़ दिये हैं।

जिससे युद्ध की स्थिति में चीन अमेरिका को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। अमेरिकी कमांडर ने इसे चीन की ओर से गंभीर चुनौती भी बताया है। इसलिए चीन की चुनौती को बैलेंस करने के लिए अमेरिका को कम से कम उतनी ही क्षमता के हथियार तत्काल तैनात करने की आवश्यकता है।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस रणनीति पर काम करते हुए न केवल क्रूज और मिसाइल तैनाती का फैसला किया है। साथ ही अमेरिका मरीन्स को नैवी के साथ तैनात कर चीन के जंगी बेड़ों पर अचानक हमला कर ध्वस्त करने की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है। ये मरीन्स एंटी शिप मिसाइल से लैस होंगे। अमेरिकी कमाण्डर्स के मुताबिक लैण्ड बेस्ड क्रूज मिसाइलों की तैनाती से न केवल चीन की चालों पर काबू पाया जा सकेगा बल्कि वाशिंगटन से बीजिंग को एक संदेश भी देने की कोशिश हो रही है कि यदि युद्ध हुआ तो चीन विनाशकारी लीला को देखेगा। अमेरिकी कमाण्डरों का कहना है कि उनका मकसद तीसरा विश्व युद्ध छेड़ना नहीं बल्कि चीन के मंसूबों को नियंत्रित करना है। चीन विस्तारवादी नीतियों के चलते समुद्री सीमाओं का लगातार अतिक्रमण कर रहा है।

हालांकि, चीन ने अमेरिकी पलटवार फिर बंदर घुड़की दी है। चीन के मिलिटरी स्पोक्स पर्सन वू कियान ने कहा है कि अमेरिकी क्रूज मिसाइल की तैनाती पर चीन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठा रहेगा। दरअसल, कोरोना महामारी में दुनिया के फंसे होने का फायदा उठाकर चीन ने साउथ चाईना सी में अपनी गतिविधियां एकाएक बढ़ा दीं हैं। ताइवान की आपत्ति के बाद अमेरिकी जन सेना ने इस एरिया में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाई बल्कि चीन को लिमिट में रहने की चेतावनी भी दी है।

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