बंगाल के जिन इलाकों को बताया ग्रीन जोन, वहाँ मिले कोरोना संक्रमित: अपने ही पत्र से कठघरे में ममता सरकार

अमित मालवीय ने ममता सरकार का एक पत्र शेयर किया है। उनका कहना है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में बंगाल के 10 जिलों को रेड जोन दिखाया गया था। हकीकत में वर्तमान में रेड जोन केवल 4 जिले हैं। जो जिले ग्रीन जोन में बताए गए हैं वहॉं कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
बंगाल में कोरोना पर अपने ही पत्र से कठघरे में ममता सरकार (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति लंबे समय से संदेह के घेरे में हैं। राज्य सरकार के बयानों और दावों के उलट लगातार ऐसे प्रमाण सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं, जो सवाल पूछने पर मजबूर कर रहे हैं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ का भी कहना है कि राज्य सरकार के मुताबिक, कोरोना से प्रदेश में 105 लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि आँकड़ा इससे अधिक है। उन्होंने पूछा है कि सरकार मृत्यु की वास्तविक संख्या क्यों छिपा रही है? अगर लोगों को सही स्थिति पता होगी तो वे ज्यादा सावधान होंगे।

As per the State Govt, 105 people died due to #COVID19 in West Bengal but this number is more than that. Why do we want to hide the actual number of deaths? People will be more careful when they would realise that situation is grim: West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar pic.twitter.com/zFIoeLgD0d

— ANI (@ANI) May 1, 2020
यहाँ बता दें, ममता सरकार की लापरवाही के मामलों में ताजा मामला इलाकों को तीन वर्गों में बाँटने को लेकर उजागर हुआ है। इस संबंध में भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कुछ रिपोर्ट्स और सरकार के पत्र को संकलित किया है और कहा है कि जिस मंशा से ममता सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पर हमला बोलना चाहा, वो अब पूरी तरह उनपर उलटा पड़ गया है।

A letter which was intended to attack the Union Health Ministry has completely boomeranged on Mamata Banerjee government…
Not just Alipurduar, even Birbhum, has active cases but WB reported it as Green zone!
Why is WB Govt handling the whole situation in such a cavalier manner? https://t.co/g4WdWDlAiz pic.twitter.com/s6DlvFE4a8

— Amit Malviya (@amitmalviya) May 1, 2020
अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में ममता सरकार का एक पत्र शेयर किया है। उन्होंने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में बंगाल के 10 जिलों को रेड जोन में दिखाया गया। हकीकत में वर्तमान में रेड जोन केवल 4 जिले हैं- कोलकाता, हावड़ा, नॉर्थ 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर। इसके बाद अगले पृष्ठ पर जिलों के नामों को रेड, ऑरेंज और ग्रीम जोन की सूची में वर्गीकृत करके केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट पेश की गई। इसमें 4 जिलों को रेड जोन बताने के अलावा, 11 जिलों को ऑरेंज जोन में बताया गया और 8 जोन को ग्रीन जोन में।

In a letter to the Union Health Secretary, WB government has said that no cases have been reported from Alipurduar district.

Then, what is this? A reputed Bengali daily says 4 persons have tested positive just yesterday!https://t.co/9Oyw1oYadR

Stop trying to mislead people! pic.twitter.com/5ds2fgFuMu

— Amit Malviya (@amitmalviya) May 1, 2020
इस पत्र की ओर ध्यान आकर्षित करवाते हुए अमित मालवीय ने एक बंगाली समाचार पत्र में प्रकाशित खबर शेयर की है। उन्होंने कहा कि ममता सरकार द्वारा जारी पत्र में अलीपुरद्वार जिले को ग्रीन जोन में रखा गया है, जबकि बंगाली समाचार पत्र की खबर के अनुसार वहाँ कल ही 4 मामलों की पुष्टि हुई है। उनका कहना कि जब कल ही कोरोना मामलों की पुष्टि हुई है तो फिर ममता सरकार ने उसे ग्रीन जोन में क्यों रखा?

इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने वायरल रिसर्च एवं डायगनॉस्टिक लैब में हुए कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट डाली। उन्होंने लिखा कि केवल अलीपुरद्वार ही नहीं बल्कि बीरभूम में भी कोरोना के संक्रमित मामले हैं। जिसे लेकर बंगाल सरकार ये दावे कर रही है कि वो ग्रीन जोन में आता है। उनका पूछना है कि आखिर ममता सरकार जनता को क्यों बरगला रही है और आखिर क्यों अभिमानियों की तरह पूरे मामले को हैंडल कर रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। यह कोलकाता के एमआर बंगूर अस्पताल का था। वीडियो में कोरोना मरीजों को लेकर लापरवाही और वार्ड में बदइंतजामी दिख रही थी। शवों के साथ मरीजों को एक वार्ड में रखा हुआ है और मरीज भी शव के आसपास घूम रहे थे।

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