China will mount an unusually long military exercise in waters off the northern port city of Tangshan : दुनिया कोरोना से लड़ रही है और चीन ऐसी हरकतें करने में लगा है, जिससे एक बार फिर विश्व पर युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। चीन ने अचानक ही शहर तांगशान के उत्तरी बंदरगाह पर युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है। इस अभ्यास में चीन ने अभी तक अपनी सबसे बड़ी सेना के साथ-साथ जंगी बेड़ों को उतार दिया है, जिनपर खतरनाक मिसाइल तैनात हैं।
चाइना मैरीटाइम सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, येलो सी में तंगशान के तट से लगे हुए क्षेत्र में गुरुवार से 31 जुलाई तक सैन्य अभ्यास किया जाएगा। तांगशान राजधानी बीजिंग से लगभग 200 किमी (124 मील) पूर्व में है।
इस दौरान इस इलाके में गैर-सैन्य जहाजों और दूसरे लोगों के आने पर विशेष रूप से पाबंदी लगा दी गई है। प्रशासन ने इस बारे में एक नोटिस भी जारी किया है। हालांकि यह नहीं बताया गया कि कौन से जहाज इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
चीन ने पूर्वोत्तर और वुहान में कोरोना के मामले सामने आने के बावजूद महामारी के लिए अपना अलर्ट कम कर दिया है। इसके साथ ही चीन के रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 2.3 मिलियन सदस्यों में कोरोना का कोई मामला नहीं पाया गया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी दुनिया की सबसे बड़ी सशस्त्र सेना है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने कोरोना महामारी को देखते हुए अगस्त तक अपने भर्ती कार्यक्रम पर रोक लगाते हुए सैन्य सिद्धांत के प्रशिक्षण को क्लॉसरूप में बदल दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, चीन ने सफाई देते हुए कहा है कि कोरोना के कारण सैन्य अभ्यास को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब इसे फिर से शुरू करते हुए बढ़ाकर 11 सप्ताह के अभ्यास की योजना बनाई है। बताया गया कि पहले से निर्धारित अभ्यास के समय में लगभग तीन महीने की देरी हुई है और अब महामारी पर काबू पाने के बाद पीएलए एक बार फिर अभ्यास ट्रैक पर वापस आ गई है। सूत्रों ने बताया कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए, चीन आंतरिक समन्वय को बेहतर बनाने और युद्धक क्षमता को बढ़ाने के लिए अधिक बड़े पैमाने पर अभ्यास करने जा रहा है।
हांगकांग स्थित सैन्य कॉमनटेटर सोंग झोंगपिंग ने कहा कि ड्रिल की लंबी अवधि से पता चलता है कि इस बार कई तरह से अभ्यास किए जाएंगे। उन्होंने कहा, 'यह काफी लंबा सैन्य अभ्यास है और इसका मतलब है कि यह काफी व्यापक है। ड्रिल के स्थान को देखते हुए नौसेना अपने हवाई रक्षा, मिसाइल रोधी और हमले-लैंडिंग कौशल का परीक्षण करेगी। ताकि आने वाले समय में किसी भी स्थिति से निपटने की क्षमताओं को सही से परखा जा सके।'
तांगशान में चीन की सेना का अभ्यास उस समय हो रहा है जब ताइवान के राष्ट्रपति त्सै इंग-वेन के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने में एक सप्ताह से भी कम समय बचा हुआ है। ताइवान एक स्व-शासित द्वीप है, लेकिन बीजिंग इसको अपना हिस्सा मानता है और उसकी धारणा है कि इसको चीन में शामिल करने के लिए यदि आवश्यक हो तो वह बल प्रयोग भी कर सकता है। ऐसे में चीन की सेना का अचानक से युद्ध अभ्यास शुरू करना अपने आप में सवाल खड़े करता है।
Comments
Post a Comment