लखनऊ: सीएम योगी की प्रवासी मजदूरों को काम दिलाने की पहल कारगर होती दिखाई दे रही है. सरकार ने 16 लाख प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग पूरी ही कराई थी, कि उनके सेवायोजन के लिए प्रदेश के कई उद्यमी और औद्योगिक समूह आगे आने लगे हैं. सरकार के स्किल मैपिंग डेटा बैंक से इन उद्यमियों ने 5 लाख श्रमिक और कामगार मांगे हैं. ये यूपी सरकार और प्रवासी मजदूरों के लिए उत्साहजनक संकेत हैं.
औद्योगिक इकाइयों को मैन पावर स्ट्रेंथनिंग के निर्देश
योगी सरकार ने प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की स्किल मैपिंग कराने के बाद प्रदेश में औद्योगिक संस्थानों का सर्वे और मैपिंग का काम शुरू किया था.
इसका मकसद औद्योगिक संस्थानों में रोजगार की गुंजाइश तलाशना था. सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि हर औद्योगिक इकाई में मैन पावर स्ट्रेंथनिंग कराई जाए और कम से कम 1 से लेकर 10 श्रमिकों और कामगारों के लिए रोजगार का खाका तैयार किया जाए. इसके लिए टीम-11 की बैठक में योजना भी बन रही है.
रोजगार सृजन के लिए उद्यमियों को भी सहूलियत देगी सरकार
सरकार हर इकाई से स्किल्ड और नॉन स्किल्ड मैन पावर की डिमांड कर रही है. इसके लिए सरकार औद्योगिक संस्थानों को भी मदद देने के निर्देश दे चुके हैं, ताकि इन संस्थानों में तेजी से काम शुरू हो सके. उन्होंने निर्देश दिया है कि सप्लाई चेन क्लियर कराने और बाकी सरकारी सहूलियतों में भी उद्यमियों को सहयोग दिया जाए.
श्रमिकों के लिए अप्रेंटिस और ट्रेनिंग के साथ भत्ते का भी इंतजाम
औद्योगिक इकाईयों में श्रमिकों और कामगारों के लिए अप्रेंटिस और ट्रेनिंग का भी इंतजाम योगी सरकार कर रही है. सरकार इस दौरान औद्योगिक समूहों से श्रमिकों को ट्रेनिंग भत्ता दिलाने की भी योजना में है.
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