ये दवा 48 घंटे के अंदर करती है कोरोना वायरस का खात्मा!

नई दिल्‍ली: कोरोना मरीजों को इस वायरस से मुक्ति दिलाने के लिए कई तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। अब दावा है कि बच्चों के पेट में मौजूद कीड़ों को मारने के लिए जिस दवाई का प्रयोग किया जाता है, उसी दवाई का इस्तेमाल कोरोना संक्रमित मरीजों पर किया जा रहा है। आश्चर्य की बात ये है कि इससे काफी फायदे की बात भी कही जा रही है।

कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में अभी भी तेजी से फैल रहा है और इसे रोकने के लिए डॉक्टरों की ओर से कई तरह के इलाज ईजाद किए जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि संक्रमित मरीजों की बहुत बड़ी तादाद अभी भी बीमार है बल्कि उसमें से कई ऐसे लोग भी हैं, जो पूरी तरह से ठीक हो कर घर जा चुके हैं।

ऐसे में जब तक कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन नहीं बनती है, तब तक नए-नए इलाज का सहारा लिया जा रहा है। इसी बीच डॉक्टरों का दावा है कि बच्चों के पेट में मौजूद कीड़े को मारने वाली दवा से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है।

कोरोना वायरस को लेकर दुनिया जिस तरह से अभी जूझ रही है। फ़िलहाल ऐसी स्थिति को देखकर दुनियाभर के कई डॉक्टर्स और रिसर्चर पहले से उपलब्ध कुछ पुरानी दवाओं को कोरोना वायरस के मरीजों पर आजमा रहे हैं।

कोरोना को हराने वाली दवा!

बच्चों के पेट में मौजूद कीड़ों को मारने वाली दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है
इस दवा का नाम है 'आइवर मेक्टिन'
इसका इस्तेमाल कोरोना से संक्रमित मरीजों पर भी जारी है
इस्तेमाल के बाद इसके बेहतर परिणाम दिखे हैं
बताया जा रहा है कि ये एक एंटीपैरासेटिक दवा है, जिसका मुख्य काम शरीर में मौजूद पैरासाइट्स को मारने का है। जो खासकर बच्चों के पेट में मौजूद कीड़ों को मारने के लिए होता है। फिलहाल इस दवाई का इस्तेमाल दुनिया के कुछ देशों में किया जा रहा है।

कहां-कहां हो रहा इस्तेमाल

भारत, जापान और बांग्लादेश में इस्तेमाल जारी
इसके परिणाम काफी सकारात्मक दिखे हैं
इसे एक सफलता के तौर पर देखा जा रहा है
बांग्लादेश में इस दवा से 60 मरीज के ठीक होने का दावा
सिर्फ 72 घंटे में मरीज पर असर होने का दावा
कैसे काम करता है 'आइवर मेक्टिन'

ये दवा शरीर में मौजूद पैरासाइट से जाकर चिपक जाती है

पैरासाइट शरीर में अपना लार्वा नहीं छोड़ पाता
इसके बाद ये दवा पैरासाइट को खत्म कर देती है
भारत में भी इस दवा का प्रयोग किया जा रहा है
48 घंटे के अंदर वायरस का खात्मा

अब डॉक्टरों को उम्मीद है कि बेहद आसानी से उपलब्ध और बहुत सस्ती मानी जाने वाली ये दवा कोरोना वायरस से लड़ाई में नया हथियार साबित हो सकती है। इतना ही नहीं 'आइवर मेक्टिन' ऐसी दवा है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के डी वर्मिंग प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसे WHO की सेफ्टी लिस्ट में सुरक्षित माना जाता है। फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के लैब में हुई एक स्टडी में पाया गया है कि ये दवा 48 घंटे के अंदर वायरस का खात्मा कर देती है। लैब स्टडी में देखा गया कि इस दवा से कोरोना वायरस का RNA 93 प्रतिशत कमजोर पड़ गया।

फिलहाल पूरी दुनिया के वैज्ञानिक और 100 से ज्यादा रिसर्च ग्रुप कोरोना वायरस की वैक्सीन को बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि अगर वैक्सीन 1 या 2 महीने में तैयार भी हो जाती है तो इसे पूरी दुनिया के लोगों पर सही तरीके से काम करने के लिए तैयार करने में कम से कम 1 से 2 साल का समय लग सकता है। इसलिए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहने के लिए अभी पूरी दुनिया को सारी जरूरी सावधानियां और सेफ्टी टिप्स को अपनाना चाहिए।

Comments