तब्लीगी मरकज के मुखिया मौलाना साद पर पुलिस का शिकंजा बढ़ता जा रहा है। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने मौलाना साद के बेटे से दो घंटे तक पूछताछ की। बताया जा रहा है साद के बेटे से मरकज के प्रबंधन से जुड़े 20 मौलानाओं की जानकारी मांगी गई है जो केस दर्ज होने के बाद से लापता हैं
तब्लीगी मरकज के जमातियों से चलते विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद मौलाना साद पुलिस के निशाने पर है। जैसे ही इस संबंध में केस दर्ज हुआ मौलाना साद गायब हो गया। खबर आई कि मौलाना ने स्वयं को क्वारंटाइन किया हुआ है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच क्राइम ब्रांच की टीम मरकज में काम करने वाले कर्मचारियों और वहां पर आने वाले पैसे को लेकर जांच में जुटी है। प्रवर्तन निदेशालय भी जमात को मिलने वाले पैसे की जांच में जुटा है। पुलिस की जांच के दौरान सामने आया कि मरकज में वहां का प्रबंधन देखने वाले 20 लोग केस दर्ज होने के बाद से ही लापता चल रहे हैं। ये सभी मौलाना ही बताए जा रहे हैं।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम को इनके बारे में जानकारी तब मिली जब वह मरकज में आने जाने वालों के बारे में जानकारी निकालने के लिए ट्रेवल एजेंटों से पूछताछ कर रही थी।
सूत्रों के अनुसार क्राइम ब्रांच ने इन 20 लोगों के मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया। पता चला कि केस दर्ज होने के बाद से सभी लोग गायब हैं। मोबाइल बंद होने के बाद कारण उनकी सही लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। हालांकि इस बीच पुलिस को उनके मोबाइल और ईमेल आईडी की डिटेल से काफी जानकारी हासिल हुई है। मरकज के गायब हुए इन कर्मचारियों के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए मौलाना साद के बेटे को क्राइम ब्रांच के दफ्तर में तलब किया गया था। उल्लेखनीय है कि मौलाना साद का बीच वाला बेटा ही मरकज मुख्यालय की सारी गतिविधियों को देखता है। मौलाना साद का यही बेटा मुख्यालय प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक करके मुख्यालय की गतिविधियों की रूपरेखा तैयार करता है। इसलिए क्राइम ब्रांच ने उसे ही बुलाकर इस बाबत सघन पूछताछ की है।
पूछताछ के दौरान पुलिस ने तब्लीगी जमात के मुख्यालय की गतिविधियों से जुड़े दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी मांगी। वैसे क्राइम ब्रांच के रडार पर मौलाना साद के सभी बेटे और भांजे हैं और आने वाले दिनों में उन्हें भी बुलाकर पूछताछ की जा सकती है।
क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद की तत्काल कोरोना जांच कराने का भी निर्देश दिया है। क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद के बेटे से कहा कि यह जांच एम्स या किसी मान्यता प्राप्त सरकारी लैब से कराई जानी चाहिए और फिर उसकी जांच रिपोर्ट क्राइम ब्रांच को सौंपी जाए। इसके पहले मौलाना साद की कोरोना की जांच रिपोर्ट को मानने से क्राइम ब्रांच ने इनकार कर दिया था। क्राइम ब्रांच ने पहले भी मौलाना का कोराना टेस्ट कराने का निर्देश दिया था।
देशभर में कोरोना का संक्रमण फैलाने के आरोपों से घिरे मौलाना साद पर प्रवर्तन निदेशालय का भी शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। जांच टीम उस ट्रस्ट की भी पड़ताल करने में जुटी है जिसकी भूमिका संदेह के घेरे में है। इस ट्रस्ट के जरिए आर्थिक लेन-देन की बात सामने आई है। ईडी समेत तमाम एजेंसियां इस संबंध में जांच में जुटी हैं।
तब्लीगी मरकज के जमातियों से चलते विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद मौलाना साद पुलिस के निशाने पर है। जैसे ही इस संबंध में केस दर्ज हुआ मौलाना साद गायब हो गया। खबर आई कि मौलाना ने स्वयं को क्वारंटाइन किया हुआ है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच क्राइम ब्रांच की टीम मरकज में काम करने वाले कर्मचारियों और वहां पर आने वाले पैसे को लेकर जांच में जुटी है। प्रवर्तन निदेशालय भी जमात को मिलने वाले पैसे की जांच में जुटा है। पुलिस की जांच के दौरान सामने आया कि मरकज में वहां का प्रबंधन देखने वाले 20 लोग केस दर्ज होने के बाद से ही लापता चल रहे हैं। ये सभी मौलाना ही बताए जा रहे हैं।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम को इनके बारे में जानकारी तब मिली जब वह मरकज में आने जाने वालों के बारे में जानकारी निकालने के लिए ट्रेवल एजेंटों से पूछताछ कर रही थी।
सूत्रों के अनुसार क्राइम ब्रांच ने इन 20 लोगों के मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया। पता चला कि केस दर्ज होने के बाद से सभी लोग गायब हैं। मोबाइल बंद होने के बाद कारण उनकी सही लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। हालांकि इस बीच पुलिस को उनके मोबाइल और ईमेल आईडी की डिटेल से काफी जानकारी हासिल हुई है। मरकज के गायब हुए इन कर्मचारियों के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए मौलाना साद के बेटे को क्राइम ब्रांच के दफ्तर में तलब किया गया था। उल्लेखनीय है कि मौलाना साद का बीच वाला बेटा ही मरकज मुख्यालय की सारी गतिविधियों को देखता है। मौलाना साद का यही बेटा मुख्यालय प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारियों के साथ बैठक करके मुख्यालय की गतिविधियों की रूपरेखा तैयार करता है। इसलिए क्राइम ब्रांच ने उसे ही बुलाकर इस बाबत सघन पूछताछ की है।
पूछताछ के दौरान पुलिस ने तब्लीगी जमात के मुख्यालय की गतिविधियों से जुड़े दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी मांगी। वैसे क्राइम ब्रांच के रडार पर मौलाना साद के सभी बेटे और भांजे हैं और आने वाले दिनों में उन्हें भी बुलाकर पूछताछ की जा सकती है।
क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद की तत्काल कोरोना जांच कराने का भी निर्देश दिया है। क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद के बेटे से कहा कि यह जांच एम्स या किसी मान्यता प्राप्त सरकारी लैब से कराई जानी चाहिए और फिर उसकी जांच रिपोर्ट क्राइम ब्रांच को सौंपी जाए। इसके पहले मौलाना साद की कोरोना की जांच रिपोर्ट को मानने से क्राइम ब्रांच ने इनकार कर दिया था। क्राइम ब्रांच ने पहले भी मौलाना का कोराना टेस्ट कराने का निर्देश दिया था।
देशभर में कोरोना का संक्रमण फैलाने के आरोपों से घिरे मौलाना साद पर प्रवर्तन निदेशालय का भी शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। जांच टीम उस ट्रस्ट की भी पड़ताल करने में जुटी है जिसकी भूमिका संदेह के घेरे में है। इस ट्रस्ट के जरिए आर्थिक लेन-देन की बात सामने आई है। ईडी समेत तमाम एजेंसियां इस संबंध में जांच में जुटी हैं।
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