अब एक गली के मौलाना को मनाने परमाणु शक्ति युक्त देश के NSA को जाना होगा ?

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में एक मौलाना ने मुसलमानों की भीड़ मरकज़ के नाम पर बुलाई, वहां विदेशी मुसलमानों को भी छिपाया, और इस मौलाना से प्रशासन इतना कांपा की स्वयं देश के NSA को इस मौलाना से बात करने के लिए आना पड़ा

इस स्तिथि को आप अच्छा मानेंगे या इस स्तिथि पर आपको रोना चाहिए ? भारत एक परमाणु शक्ति युक्त देश है, भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थाई सदस्यता चाहता है, भारत एक बड़ी आर्थिक ताकत है, और हमारा NSA जो की स्वयं प्रधानमंत्री का प्रतिनिधि होता है, एक तरह से प्रधानमंत्री के लेवल का ही व्यक्ति होता है, ऐसे शख्स को एक गली के मौलाना से बात करने उतरना पड़ता है

ये स्तिथि कोरोना महामारी से भी ज्यादा बुरी है देश के लिए, एक परमाणु शक्ति युक्त देश का NSA यानि PM भी कह सकते है वो अब एक गली के मौलाना के लेवल का हो चूका है

निजामुद्दीन में मौलाना साद जो की एक बड़ा मुस्लिम नेता भी नहीं है, उसे मनाने के लिए देश के NSA को आना पड़ा, इलाके के किसी सब इंस्पेक्टर को जो काम करना चहिये उस काम के लिए देश के NSA को आना पड़ा

अब इस देश में हर गली के मौलाना के हौंसले एकदम बुलंद है, मौलाना अब छोटे मोटे पुलिस अधिकारी, SP, DM से बात नहीं करेंगे अब सीधे NSA को आना होगा और हाथ जोड़कर मौलाना को मानना होगा, इस स्तिथि पर आपको खुश होना चाहिये की रोना चाहिए

ये देश सिर्फ कोरोना वायरस से ही नहीं बल्कि सेकुलरिज्म नामक वायरस से ज्यादा संक्रमित हो चूका है और अगर जल्द इस सेकुलरिज्म वायरस का इलाज न किया गया तो इस देश का क्या भविष्य होगा इसकी सिर्फ कल्पना की जा सकती है

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